उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों विधानसभा में राम मंदिर, काशी और मथुरा के मामले में बयान दिया था। इसपर जमीयत ए उलेमा, मुंबई के अध्यक्ष मौलाना सिराज खान ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शायद बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को योगी आदित्यनाथ को पढ़ना चाहिए। वो फैसला कोर्ट ने हिंदू आस्था के आधार पर दिया था। ज्ञानवापी मस्जिद पर जो जिला अदालत का फैसला था। उसके खिलाफ हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। क्योंकि हमें कोर्ट से न्याय का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी का पूरा बयान राजनीतिक है। हिंदू वोटों को पोलराइज करने के लिए ऐसा बयान दिया जा रहा है।
सीएम योगी के बयान पर क्या बोले मौलाना
मौलाना ने आगे कहा कि मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद या हड़पी गई जमीन पर बनाई गई मस्जिद में मुसलमान कभी नमाज नहीं पढ़ेगा। यह सब कहानी बनाई गई है। मथुरा और काशी का मामला कोर्ट में चल रहा है। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। एआईएमपीएलबी है, हमारा पक्ष रखने के लिए। उन्होंने कहा कि सीएम योगी समेत भाजपा शासित राज्यों के सीएम या पार्टी के नेताओं द्वारा दिया जा रहा इस तरह का बयान दिखाता है कि 24 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत की गारंटी नहीं दिख रही है। कुछ कमी दिख रही है। इस कारण हिंदू वोटों को पोलराइज करने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। क्योंकि भाजपा को मुस्लिम वोट की जरूरत तो नहीं है।
शरीयत के नियमों दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं
मौलाना सिराज खान ने क हा कि मुसलमान सब बर्दाश्त करेगा लेकिन शरीयत के नियमों में किसी की दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा। 1400 सालों सो मुसलमान शरीयत के कानून का पालन करता आ रहा है। ऐसे में यूसीसी के कानून के तहत अचानक खुद को कैसे बदल लेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हिंदू हैं। हिंदुओं के भी देश के संविधान में शादी और उनके पर्सनल लॉ हैं। वो चाहे जैसे जिये या शादी करें। मुसलमानों को उससे कुछ लेना-देना नहीं है। ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप क्यों किया जा रहा है। हम इसके खिलाफ भी कोर्ट में जाएंगे।