ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के आजम खां के घर रामपुर पहुंचने पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को आखिरकार चुनाव आते ही आजम खां और उनके परिवार की याद आ ही गई। काश उन्होंने ये कदम पहले उठाया होता और उनके साथ खड़े होते तो आजम खां और उनके परिवार की ये दुर्दशा नहीं होती। मौलाना ने कहा हम फिर भी अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने कुंदरकी जिला मुरादाबाद से लम्बा सफर तय करके रामपुर पहुंचे और आजम खां की पत्नी डॉक्टर तंजीम फातीमा से मुलाकात की।
'अखिलेश साथ खड़े रहते तो आजम खां जेल में नहीं होते'
मौलाना ने कहा कि आजम खां समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। मुलायम सिंह को मुसलमानों के दरमियान लेजा जाकर परिचय कराने और मुसलमानों का मसिहा बताने वाले भी आजम खां ही है। मगर जिन दिनों आजम खां गर्दिश में आए, उनके खिलाफ मुकदमे लिखे गए, उनको जेल भेजा गया, उस वक्त अखिलेश यादव मुकम्मल तौर पर समाजवादी पार्टी की कमान संभाल चुके थे। इन्होंने बतौर अध्यक्ष आजम खां का साथ नहीं दिया और न ही सपा कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर किसी धरना प्रदर्शन करने की इजाजत दी। अगर शुरुआती दौर में आजम खां की मुश्किलों के वक्त साथ में खड़े रहते तो आज आजम खां और उनका परिवार जेल में न होता।
'सपा का चेहरा, ढांचा और सोच सब बदल चुकी है'
मौलाना ने आगे कहा कि अखिलेश यादव अपने खास लोगों के समर्थन में नहीं खड़े हो सकते हैं तो आम जनता के हितों के लिए क्या काम करेंगे। मुलायम सिंह के दौर में समाजवादी पार्टी एक आंदोलनकारी संगठन के तौर पर बहुत मशहूर थी, वो हर मुद्दे पर जनता के हितों के लिए आंदोलन किया करते थे और खास तौर पर उनकी मुसलमानों के साथ हमदर्दी रहा करती थी। मगर अब समाजवादी पार्टी का चेहरा, ढांचा और सोच सब बदल चुकी है।
(रिपोर्ट- विकास)
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