मथुरा: जिले के वृंदावन कोतवाली क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां मौजूद अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा संचालित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में पिछले तीन साल से कार्यरत कर्मचारी चढ़ावे का धन लेकर फरार हो गया। पुलिस ने रविवार को इस घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपी ने एक साल से चढ़ावे की धनराशि का हिसाब नहीं दिया था और जब उससे हिसाब मांगा गया, तो वह फरार हो गया। पुलिस ने मंदिर के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) की तहरीर पर शनिवार को केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है।
रशीद का हिसाब मांगने पर हुआ फरार
वृन्दावन कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रवि त्यागी ने बताया कि इस्कॉन मंदिर के सीएफओ ने शिकायत में कहा कि यहां ‘मेंबरशिप’ विभाग में कार्यरत मुरलीधर दास को दानदाताओं द्वारा मंदिर में दान की जाने वाली राशि को बैंक में जमा करने के लिए रखा गया था। इसके लिए उसे 32 रसीद बुक सौंपी गई थीं। त्यागी ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया कि जब कई बार उन रसीदों का हिसाब देने के लिए उससे कहा गया तो पहले तो वह टालता रहा, लेकिन पिछले दिनों जब सख्ती की गई तो वह अचानक मथुरा में अपने अस्थाई निवास से ही फरार हो गया।
जान से मारने की भी दी धमकी
शिकायत में मुरलीधर दास पर यह भी आरोप है कि जब उसे फोन कर रसीद बुक और चढ़ावे की राशि वापस करने को कहा गया तो उसने जान से मारने की धमकी तक दी। फिलहाल वृन्दावन पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस्कॉन के जनसंपर्क अधिकारी रवि लोचन दास ने बताया कि पुलिस ने उसके करीबी लोगों से जानकारी प्राप्त कर उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की है। अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इस घटना से चार साल पहले भी एक कर्मचारी ने एक करोड़ से अधिक का घपला किया था। (इनपुट- पीटीआई)
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