बरेली: लव जिहाद पर बरेलवी उलेमा ने फतवा जारी किया है और अपनी पहचान छुपाकर दूसरे मजहब की लड़कियों से प्यार और शादी को नाजायज करार दिया है। बरेलवी उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा जारी करते हुए इस्लाम के मानने वालों को उनके मजहब की सीख याद दिलाई है। फतवा में कहा गया है कि माथे पर टीका लगाने, हाथ में कड़ा पहनने और धागा बंधने की इस्लाम में इजाज़त नहीं है। धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए मौलाना ने कहा कि जो मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छुपाने की नियत से और दूसरे मज़हब की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से ये सब प्रपंच रचते हैं वो इस्लाम मज़हब से निकल जाने के करीब हो जाते हैं।
'पहचान छुपाकर दूसरे मजहब में शादी नाजायज'
सोशल मीडिया पर अपनी इस्लामिक पहचान छुपाकर गैर मुस्लिम नाम रखने और लड़कियों से बातचीत करने को भी नाजायज कहा गया है। मौलाना ने कहा, ''इस्लाम दीन ए फितरत है और अपनी पहचान छिपाने को नाजायज और हराम करार देता है। अपना इस्लामी नाम हमेशा जारी रखें। जो अपनी पहचान है वो कतई कोई न छुपाए और जो सोशल मीडिया पर अपनी पहचान छुपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों के साथ शादी विवाह जैसे ताल्लुकात कायम करने के लिए और उससे रिश्ते बनाने के लिए और शादी विवाह तक की नौबत आने के बाद लड़ाई झगड़े की नौबत आ जाती थी तो इन तमाम चीजों को दूर करने के लिए उलमा ने फतवा जारी किया कि ये तमाम चीजें नाजायज और हराम हैं।
माथे पर टीका लगाना, कड़ा पहनने और धागा बंधने पर भी फतवा
आगे उन्होंने कहा, ''अपनी इस्लामी पहचान छुपाना नाजायज है, माथे पे टीका लगाना नाजायज है, हाथ में कलावा धागा बांधते हैं ताकि अपनी पहचान छुपी रहे तो यह भी नाजायज है। इस्लाम सीधे सीधे कहता है कि आप अपनी पहचान कतई नहीं छुपाइए और किसी भी गैर मुस्लिम से शादी न करिए यहां तक कि जबतक वो इस्लाम कबूल न कर ले।''
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गौरतल है कि देश में आए दिन लव जिहाद के मामले सामने आते रहते हैं। इसे लेकर मुस्लिम संगठन और मुस्लिम समाज से जुड़े लोग लगातार सवाल कर रहे हैं। इसे लेकर मौलाना ने फतवा जारी किया है। इसमें मामले से जुड़े सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की गई है।