मथुरा : बरसाना के श्रीजी मंदिर में अफरातफरी का माहौल है। इसी बीच श्रद्धालुओं में अफरातफरी मचने का मामला भी सामने आया है। इस अफरातफरी में आधा दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं। फिलहाल मौके पर मौजूद डॉक्टरों की टीम ने घायलों को प्राथमिक उपचार दे दिया है। वहीं दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बता दें कि बरसाना के राधा रानी श्रीजी मंदिर में लड्डू होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। पूरी घटना बरसाना के श्रीजी मंदिर के गेट के पास की है। वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन स्थिति को सामान्य करने में जुटा हुआ है।
बृज में लड्डू होली की परम्परा
बता दें कि बृज में लट्ठमार होली की परम्परा बेहद प्राचीन है और बरसाना को इसका केंद्र माना जाता है। बरसाने की लट्ठमार होली के विश्व प्रसिद्ध होने की वजह है इसका परंपरागत स्वरुप। दरअसल, बरसाने की हुरियारिनों से होली खेलने के लिये नंदगांव के हुरियारे आते हैं। इसके लिये बाकायदा एक दूत न्यौता देने नंदगांव पहुंचता है, जो आज के दिन लौटकर बरसाना आता है। इस दूत को यहां पांडा कहा जाता है। जब ये पांडा लौटकर बरसाने के प्रमुख श्रीजी मंदिर में पहुंचता है तो उसका स्वागत लड्डू फेंककर करते हैं। इसके बाद मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्त भी पांडा के ऊपर लड्डू फेंकते हैं, जिसे हम सभी लड्डू होली के नाम से जानते हैं।
अगले दिन खेली जाती है लट्ठमार होली
बरसना के लाडली मंदिर में खेली गई लड्डू होली को देखने की लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। यहां पहले राधारानी मंदिर के सेवायत द्वारा लड्डू फेंककर होली की शुरुआत की जाती है। इसके बाद श्रद्धालु अपने साथ लाए लड्डूओं को एक-दूसरे पर मार कर होली का आनंद लेते हैं और नाचते-गाते और गुलाल उड़ाते हैं। पूरी तरह होली के रंग में रंगे श्रद्धालु भगवान के साथ होली खेल कर मस्त हो जाते हैं। इस होली में शामिल होने वाले भक्तों के उत्साह की एक खास वजह यह है कि जो लड्डू खाने के लिये होता है इस दिन उन्हें इससे होली खेलने का मौका मिलता है और साथ ही अगले दिन होने वाली लट्ठमार होली को खेलने के लिये तो इनका उत्साह देखते ही बनता है।
(मथुरा से मोहन श्याम शर्मा की रिपोर्ट)
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