लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में भ्रष्ट्र अधिकारियों, दलालों और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामला सहारनपुर का है। सहारनपुर जिले के तहसीलों और RTO दफ्तर में गुरुवार को औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान 19 दलालों-बिचौलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस एक्शन से जिले के सरकारी दफ्तरों में दलालों के बीच हड़कंप मच गया।
हर जिले के सरकारी कार्यालय की हो रही मॉनीटरिंग
मिली जानकारी के अनुसार,मुख्यमंत्री योगी भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ मिशन मोड में हैं। हर जिले में हर सरकारी कार्यालय की मॉनीटरिंग हो रही है। मुख्यमंत्री योगी ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। अगर किसी दफ्तर में दलाल/बिचौलिया मिला तो जिले के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही अधिकारियों के संपत्तियों की जांच होगी।
भ्रष्टाचार में संलिप्त मिले तो होगी बड़ी कार्रवाई
सीएम योगी ने कहा कि यह जनता की सरकार है और जनहित के लिए प्रतिबद्ध है। अगर अधिकारियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता मिली तो बर्खास्तगी तय है। सरकारी कार्यालय परिसर में बाहरी व्यक्तियों की संदिग्ध उपस्थिति से जनहित प्रभावित होता है। बता दें कि सरकारी कार्यालयों में शुचितापूर्ण कार्यसंस्कृति के लिए मुख्यमंत्री योगी की सीधी निगरानी में बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बांदा के नरेनी एसडीएम निलंबित
इससे पहले गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांदा के नरैनी में तैनात उप जिलाधिकारी (एसडीएम) विकास यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विकास यादव पर जनहित के मामलों में लापरवाही और पर्यवेक्षणीय उदासीनता बरतने और कदाचार के कारण कार्रवाई की गई है। एसडीएम विकास यादव को पदीय दायित्वों के निर्वहन में अक्षम पाया गया है, साथ ही उन पर शासन की छवि धूमिल करने का भी आरोप लगा है।
निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव उप जिलाधिकारी आयुक्त व सचिव, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के लखनऊ कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। निलंबन अवधि के दौरान विकास यादव को केवल आधा वेतन मिलेगा और महंगाई भत्ते के भुगतान समेत तमाम सुविधाओं से वंचित रहना होगा। उन्हें अब विभागीय जांच का सामना करना होगा तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा।
एसडीएम और नायब तहसीलदार सस्पेंड
बता दें कि फिरोजाबाद के अंतर्गत सिरसागंज तहसील में गलत ढंग भूमि का विक्रय करने व संदिग्ध रूप से अपने करीबियों को जमीन दिलाने के मामले में भी योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, यहां के उप जिलाधिकारी, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और पेशकार को निलंबित करने के साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ जिलाधिकारी को एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए गए थे।
(IANS इनपुट के साथ)