Monday, September 30, 2024
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मैनपुरी के सरकारी अस्पताल की नर्स ने मांगा नेग, नहीं दिया तो 40 मिनट बाद लौटाया बच्चा, मौत के बाद डिप्टी CM ने लिया एक्शन

आरोपी नर्स ने बच्चे के जन्म के बाद 5100 रुपये का नेग मांगा था। नेग नहीं मिलने पर 40 मिनट तक बच्चे को मेज पर लिटाए रखा। इससे बच्चे की हालत बिगड़ गई और बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Shakti Singh Updated on: September 30, 2024 20:05 IST
Brajesh pathak- India TV Hindi
Image Source : X/BRAJESHPATHAK,FILEPHOTO नवजात की मौैत के बाद बृजेश पाठक ने नर्स को हटाने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सरकारी अस्पताल की नर्स ने नेग नहीं मिलने पर 40 मिनट तक बच्चा अपने पास रखा। पैसे मिलने के बाद ही माता-पिता को बच्चा लौटाया। हालांकि, इस दरमियान बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। जब तक परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया तो मामला सबकी नजर में आया। अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आरोपी नर्स को हटाने और जांच के आदेश दिए हैं।

मामला मैनपुरी के करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का है। यहां 19 सितंबर को ओन्हा पतारा गांव की निवासी संजली को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उन्हें लेकर करहल सीएचसी पहुंचे। यहां गर्भवती संजली को भर्ती कर लिया गया। बच्चे के जन्म के बाद नर्स नेग के रूप में 5100 रुपये मांगने लगी। संजली के पति सुजीत के पास इतने पैसे नहीं थे। ऐसे में उसने किसी तरह पैसों का जुगाड़ किया। पैसे जुटाने में लगभग 40 मिनट लग गए। नर्स ने इस दौरान बच्चे को मेज पर लिटाए रखा।

नेग मिलने के बाद लौटाया बच्चा

नेग के पैसे मिलने के बाद नर्स ने नवजात को उसके माता-पिता को सौंपा, लेकिन तब तक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। हालत बिगड़ने पर शिशु को अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुईं तो डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले को संज्ञान में लिया। डिप्टी सीएम ने नर्स को तत्काल वहां से हटाने एवं  जांच के निर्देश दिए हैं।

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

ब्रजेश पाठक के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। डिप्टी सीएम ने सीएमओ को जांच के आदेश दिये हैं। जांच टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. संजीव राव बहादुर और जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीव कुमार वर्मा हैं। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंडलीय अपर निदेशक, कानपुर को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह  में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है।

आरोपी नर्स का ट्रांसफर

आरोपी संविदा स्टाफ नर्स ज्योति भदौरिया को सुल्तानगंज के विछवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानान्तरित करने के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि जांच में किसी भी दशा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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