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महाकुंभ: भीड़ बढ़ने की वजह से बड़ा फैसला, प्रयागराज संगम स्टेशन को अगले आदेश तक बंद किया गया

प्रयागराज में महाकुंभ की वजह से भीड़ बढ़ रही है। इसी को देखते हुए प्रयागराज संगम स्टेशन को अगले आदेश तक बंद किया गया है। गौरतलब है कि ये स्टेशन संगम से सबसे नजदीक है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Feb 09, 2025 19:35 IST, Updated : Feb 09, 2025 23:37 IST
Prayagraj Sangam station
Image Source : FILE प्रयागराज संगम स्टेशन

Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में महाकुंभ की वजह से भीड़ बढ़ रही है। इस बीच एक बड़ा फैसला लिया गया है। बढ़ती भीड़ के बाद प्रयागराज संगम स्टेशन को अगले आदेश तक बंद किया गया है। बता दें कि प्रयागराज संगम स्टेशन, संगम से सबसे नजदीक है। स्टेशन की कुल क्षमता 1000 से 2000 लोगों की है लेकिन भीड़ ज्यादा होने की वजह से स्टेशन को बंद कर दिया गया है। हालांकि ट्रेनों का परिचालन नहीं रोका गया है। 

जवानों की तैनाती बढ़ाई गई

सभी स्टेशनों पर RPF के जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। अधिकारियों को स्टेशन पर ही रहने के लिए आदेश दिया गया है, जिससे क्राउड मैनेजमेंट हो सके। आज 150 से अधिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया जा चुका है। रात तक करीब 200 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। 

महाकुंभ 2025 महत्वपूर्ण मुख्य स्नान तिथियां

माघ पूर्णिमा 2025

बसंत पंचमी के बाद अब महाकुंभ का अगला प्रमुख स्नान माघ पूर्णिमा के दिन संपन्न होगा। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का खास महत्व होता है। ऐसे में महाकुंभ और माघ पूर्णिमा के शुभ संयोग में स्नान करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसी दिन प्रयागराज में महाकुंभ का मुख्य स्नान किया जाएगा। 

महाशिवरात्रि 2025

महाकुंभ का आखिरी प्रमुख स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा। इसी दिन महाकुंभ मेले का समापन भी होगा। महाशिवरात्रि के दिन त्रिवेणी में स्नान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही महादेव भोले शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

कब से हुई थी महाकुंभ 2025 की शुरुआत?

महाकुंभ का आरंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था। इस दिन पौष पूर्णिमा थी। वहीं महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को संपन्न हुआ था। उसके बाद दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर किया गया था। महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन हुआ था। (इनपुट: अनामिका गौड़)

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