प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ का आज चौथा दिन है, और संगम की रेती पर हजारों श्रद्धालु भक्ति भाव के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मकर संक्रांति के मौके पर हुए पहले ‘अमृत स्नान’ के बाद अब योगी सरकार मौनी अमावस्या के अवसर पर होने जा रहे दूसरे ‘अमृत स्नान’ की तैयारियों में जुट गई है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पहले अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दूसरे अमृत स्नान के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों के निर्देश दिए हैं।
‘सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं’
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ मेले में आने वाले संभावित 10 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि संगम क्षेत्र में बिजली, पानी की सप्लाई, रोडवेज बसों की सेवा और रेलवे ट्रेनों की व्यवस्था को कोऑर्डिनेट किया जाए। बुधवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बीते तीन दिनों की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दो प्रमुख स्नान पर्वों पर 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया।
घाटों की बैरिकेडिंग की दिशा में भी काम जारी
बता दें कि मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की मजबूती और घाटों की बैरिकेडिंग की दिशा में भी काम चल रहा है। प्रशासन का अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर संगम में 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। सीएम योगी 21-22 जनवरी को संगम तट पर कैबिनेट मीटिंग कर सकते हैं, ताकि दूसरे अमृत स्नान की तैयारियों को और पुख्ता किया जा सके। प्रशासन पहले अमृत स्नान के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं का रिव्यू कर रहा है, ताकि दूसरे अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
महाकुंभ में आस्था और आध्यात्म का अद्भुत संगम
बता दें कि महाकुंभ में इस बार आस्था और आध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। साधु-संतों का विविध रूप, खासकर हठयोगियों और अंतर्राष्ट्रीय भक्तों की उपस्थिति, आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। महाकुंभ 2025 IIT से इंजीनियरिंग करने के बाद साधु जीवन अपनाने वाले बाबा अभय सिंह, कांटों पर लेटे बाबा मलंग, और जापान से आई महिला साध्वी कैइको अकावा जैसे संतों ने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। महाकुंभ सिर्फ आस्था का मेला नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार करने का भी एक बड़ा मंच बन चुका है।