प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के लिए जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं। महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज में विश्व की सबसे बड़ी रंगोली तैयार की जा रही है। ये रंगोली 55,000 वर्ग फुट की है और इसमें 11 टन रंग का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस रंगोली को कुशल कलाकारों और स्वयंसेवकों की एक टीम द्वारा तैयार किया जा रहा है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसकी कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करती है। जानकारी के अनुसार, यह आध्यात्मिकता, एकता और भक्ति के विषयों को चित्रित करेगी, जो महाकुंभ के पवित्र वातावरण के साथ गूंजता है।
आयोजकों ने इस पहल में पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण पर जोर दिया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि ये रंग गंगा नदी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। यह रंगोली सांस्कृतिक प्रदर्शन, आध्यात्मिक प्रवचन और प्रतिष्ठित गंगा आरती जैसे अन्य आकर्षणों के साथ-साथ महाकुंभ मेले का एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनने के लिए तैयार है।
क्या है इस बार का आकर्षण
इस वर्ष का प्रयागराज का महाकुंभ मेला आगंतुकों को प्राचीन भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और भव्यता का गहरा अनुभव प्रदान करने का वादा करता है। देश-विदेश से आने वाले यात्रियों का स्वागत श्रवण कुमार के साथ-साथ अर्जुन, गरुड़, नंदी, ऐरावत और देवी गंगा जैसी पौराणिक आकृतियों की जीवंत मूर्तियों से किया जाएगा। इन 26 जटिल नक्काशीदार मूर्तियों को शहर के 26 प्रमुख चौराहों पर स्थापित किया जा रहा है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गई हैं।
इस महाकुंभ की तैयारियों का लक्ष्य कुंभ मेले को न केवल दिव्य बल्कि आधुनिक और भव्य बनाना है। इन तैयारियों के हिस्से के रूप में, भारतीय पौराणिक कथाओं और संस्कृति के प्रमुख तत्वों को दर्शाने वाली मूर्तियां प्रयागराज के आसपास महत्वपूर्ण यातायात जंक्शनों पर लगाई जा रही हैं। प्रदर्शित की जाने वाली प्रमुख आकृतियों में अर्जुन, गरुड़, नंदी, गदा (गदा), और देवी गंगा शामिल हैं, जिन्हें शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों को मोहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।