प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन किया जा रहा है। देश व दुनिया से साधु-संत व श्रद्धालु महाकुंभ में शाही स्नान करने आएंगे। इस बीच प्रयागराज जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भानू भास्कर ने बुधवार को बयान देते हुए यह साफ कर दिया है कि महाकुंभ 2025 के उत्सव को लेकर प्रयागराज शहर में किसी तरह की यातायात पाबंदियां लागू नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि साल 2019 में आयोजित कुंभ में 'खोया और पाया केंद्र' में काम करने का उनका काफी अच्छा अनुभव है। इस साल एआई और कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भानू भास्कर ने कहा कि प्रयागराज में यातायात संबंधित कोई भी पाबंदियां लागू नहीं की गई है। यातायात के लिहाज के केवल कुछ निर्देश जारी किए गए हैं। इसके पीछे का उद्देश्य केवल इतना है कि स्नान घाट तक लोगों की पहुंच आसानी से हो सके।
कुंभ के खोया-पाया केंद्र में एआई और कैमरों से होगी निगरानी
उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इसे लेकर आदेश जारी किया गया है कि शाही स्नान के दिन घाट पर लोगों को ज्यादा नहीं टहलने को कहा गया है। साल 2019 में खोया और पाया केंद्र में काम का अच्छा अनुभव है। इस बार खोया-पाया केंद्र में हम कैमरों और एआई का इस्तेमाल करेंगे। वहीं आपातकालीन स्थिति के लिए हमारे एयर एंबुलेंस और जल एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध है। बता दें कि महाकुंभ 2025 के मद्देनजर गंगा की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुछ मापदंडों को लागू किया गया है। इसी कड़ी में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को संचालित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को साफ और स्वच्छ जल की व्यवस्था कराई जा सके।
महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना
उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के मैनेजिंग डायरेक्टर राज शेखर ने कहा कि हम इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि गंदा पानी गंगा नदी में ना मिल सके। वेस्टवॉटर को ठीक कर हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं। महाकुंभ में चीजों को मॉनिटर करे और उनकी व्यवस्था करने के लिए प्रशासनिक कैंप भी लगाए गए हैं। साथ ही महाकुंभ की तैयारियों में उत्तर प्रदेश राज्य के सभी विभाग लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नमामी गंगे मिशन और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक साथ मिलकर महाकुंभ को वैश्विक स्तर पर इको फ्रेंडली और सतत बनाने की प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि 12 सालों बाद इस साल फिर से महाकुंभ का प्रयागराज में आयोजन किया जा रहा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस साल महाकुंभ के अवसर पर 45 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करने आ सकते हैं।