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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद हालात सामान्य करने में रेलवे ने अहम योगदान दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हादसे में 30 लोगों की मौत के बाद रेलवे ने बड़े पैमाने पर भक्तों को शहर से बाहर ले जाने के लिए ट्रेनें चलाईं और उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे सेवाओं की मदद से करीब 12 लाख श्रद्धालु अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं।
अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम में पवित्र स्नान करने के बाद घर लौटने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज के विभिन्न स्टेशनों से विभिन्न गंतव्यों के लिए 364 ट्रेनें चलाई गईं। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने 364 ट्रेनों के परिचालन का जोनवार ब्योरा देते हुए बताया कि प्रयागराज से विभिन्न गंतव्यों के लिए रवाना हुई इन 364 ट्रेनों के अलावा 77 ट्रेनें अन्य स्थानों से प्रयागराज पहुंचीं।
13,450 ट्रेनें चलाने की योजना
दिलीप कुमार ने कहा, "(महाकुंभ) मेले की पूरी अवधि के दौरान रेलवे ने करीब 13,450 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जिनमें 10,028 नियमित ट्रेनें और 3,400 से अधिक विशेष ट्रेनें शामिल हैं।" वैष्णव ने कहा कि रेलवे सेवाओं की मदद से करीब 12 लाख श्रद्धालु अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं। वैष्णव ने कहा, "रेलवे बोर्ड के साथ-साथ तीन संबंधित जोन के अधिकारी श्रद्धालुओं को पर्याप्त ट्रेन सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ लगातार समन्वय कर रहे हैं।"
मिशन मोड पर हो रहा काम
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों ही इस पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। वैष्णव के अनुसार, रेलवे ने यात्रियों के लिए बड़े होल्डिंग एरिया बनाए हैं, जहां वे बैठकर अपने गंतव्य पर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं। रेल मंत्री ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे ट्रेन में चढ़ने के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। (इनपुट- पीटीआई)