Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेला को लेकर सरकार की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्थाओं से साधु-संत बेहद खुश हैं। इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए अग्नि अखाड़ा के सचिव ने कहा कि प्रयागराज कुंभ की व्यवस्था देखकर वो लोग बहुत ख़ुश हैं, जितना सोचा था उससे बढ़िया इंतज़ाम हो रखे हैं। सनातन को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी क़ो धन्यवाद भी दिया है।
महंत का कहना है कि मुस्लिम समाज के लोगों को मेला क्षेत्र में न बुला के अखाडा परिषद ने ठीक किया है। महंत ने कहा कि लोगो क़ो इनके यहां से न सामान लेना चाहिए न ही कोइ गतिविधि में शामिल होना चाहिए। सीएम योगी के नारे कटोगे तो बटोगे का संत समाज ने ज़बरदस्त समर्थन किया है।
अग्नि अखाड़े की ये है मान्यता
मान्यता है की अग्नि अखाड़े में धर्म ध्वज के बाद अग्नि जो जलाई जाती है वो पूरे कुंभ भर ऐसे ही जलती है। लगातार बगैर किसी माचिस के और कुंभ की समाप्ति पर अखाड़ इनको अपने मूल अखाड़े में ले जाता है।
भगवान शिव को समर्पित किया बांया हाथ
इंडिया टीवी की एक और संत से मुलाकत हुई हमारी जिन्होंने अपना बांया हाथ भगवान शिव को समर्पित कर दिया है। पिछले 9 सालों से उन्होंने अपना बांया हाथ लगातार उठा के रखा हुआ है और वो इससे कोई दूसरा काम ही नहीं करते हैं.. बल्कि इस साधना से वो भोलेनाथ क़ो अपनी भक्ति बताते हैं।
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महंत के सिर पर 45 किलो की रुद्राक्ष माला
एक और महंत सवा लाख रुद्राक्ष वाले बाबा से इंडिया टीवी की मुलाक़ात हुई। बाबा करीब 6 सालों से अपने सिर पर 45 किलो की रुद्राक्ष माला रखे हुए हैं और इसी के ज़रिये वो अपनी तप और साधना करते हैं।
ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं फिर भी पहुंचे कुंभ
कुंभ में संत-महात्मा और अखाड़ों के प्रमुख अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इसी क्रम में आवाहन अखाड़े के शिविर में 57 वर्षीय महंत इंद्र गिरी महाराज भी पहुंचे हैं। डॉक्टर ने बाबा को बताया है कि उनके दोनों फेफड़े 97 फीसदी तक खराब हैं। वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। इसी के सहारे गाड़ी से हरियाणा के हिसार से कुंभ मेले में पहुंचे हैं।
दोनों फेफड़े खराब होने के बाद महंत को चार साल पहले डॉक्टरों ने सलाह दी थी कि वे आश्रम से बाहर न जाएं, लेकिन महंत ने अपनी इच्छाशक्ति और आस्था के बल पर महाकुंभ में आने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि यह कुंभ मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे कुछ भी हो जाए, तीनों शाही स्नान के बगैर वापस नही जाएंगे. हिसार हरियाणा से आए इंद्र गिरी 4 दशक से आवाहन अखाड़े से जुड़े हैं।
कुंभ में पहुंची कई महिला संन्यासी
एक आवाहन अखाड़े में एक महिला संत ने बताया कि वह गुजरात से आई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए भी संन्यासी जीवन बहुत ज़रूरी है। संत ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों क़ो सेल्फी के लिए कुंभ नहीं आना चाहिए। दूसरी महिला संन्यासी जूना अखाड़े की अर्चना गिरी हैं। अर्चना ने कहा कि वह सीएम योगी के कार्यों से बेहद खुश हैं।