Wednesday, March 05, 2025
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महाकुंभ : 73 देशों के राजनयिकों ने त्रिवेणी संगम का किया दर्शन, कुछ ने लगाई आस्था की डुबकी

अक्षयवट गलियारे में राजनयिकों को सरस्वती कूप का भी दर्शन कराया गया। भारतीय संस्कृति में नदियों और वृक्षों की पूजा की परंपरा एवं उनके आध्यात्मिक महत्व को जानकर कई देशों के राजनयिक काफी प्रभावित हुए।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 01, 2025 23:16 IST, Updated : Feb 01, 2025 23:17 IST
Mahakumbh 2025, Prayagraj
Image Source : PTI महाकुंभ

महाकुंभनगर:  दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ मेले में शनिवार को आए 73 देशों के राजनयिकों और विदेशी अतिथियों ने त्रिवेणी संगम का दर्शन किया। इस दौरान, कुछ राजनयिकों ने संगम में आस्था की डुबकी भी लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन राजनयिकों का स्वागत कर उन्हें महाकुंभ के महात्म्य की जानकारी दी। महाकुंभ में इन राजनयिकों का सबसे पहले अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत और अभिनंदन किया गया। वहां से सभी राजनयिकों को जेटी नाव के जरिये पवित्र त्रिवेणी संगम का दर्शन करवाया गया। कुछ देशों के राजनयिकों ने संगम में पवित्र स्नान और गंगा जल का आचमन भी किया। 

संगम स्नान के बाद सभी राजनयिकों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन की बसों से महाकुंभ मेले का भ्रमण करते हुए अक्षयवट गलियारे और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन किया। अक्षयवट गलियारे में राजनयिकों को सरस्वती कूप का भी दर्शन कराया गया। भारतीय संस्कृति में नदियों और वृक्षों की पूजा की परंपरा एवं उनके आध्यात्मिक महत्व को जानकर कई देशों के राजनयिक काफी प्रभावित हुए। हनुमान मंदिर का दर्शन कर राजनयिकों का काफिला मेला क्षेत्र में बने पुलिस लाइन के सभागार पहुंचा। पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इन राजनयिकों को महाकुंभ और प्रयागराज के महात्म्य से परिचित कराते हुए कहा कि भारत के अधिकांश तीर्थ स्थल गंगा तट पर ही स्थित हैं और उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। 

योगी ने प्रयागराज में राजनायिकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा सभी के लिए निश्चित रूप से यादगार साबित होगी और जब वे शहर से लौटेंगे, तो अद्भुत अनुभव साथ लेकर जाएंगे। प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर इन अतिथियों ने योगी सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था किए जाने पर खुशी भी जताई। महाकुंभ के अनुभव को लेकर भारत में जापान के राजदूत केइची ओने ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था की। महाकुंभ मेला बहुत ही खास आयोजन है। मैं हिंदू संस्कृति को समझने के लिए यहां आने को लेकर बहुत उत्सुक था।” 

भारत में अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो काउचिनो ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लेकर बहुत खुश हूं। यहां की परंपराओं का पालन करके बहुत खुशी हो रही है।” भारत में लिथुआनिया की राजदूत डायना मिकेविकिये ने कहा, “मैं कई वर्षों से भारत से जुड़ी हुई हूं। मैं हमेशा यहां आना चाहती थी, लेकिन कभी किसी कुंभ में जाने का अवसर नहीं मिला। आज यह खास और शुभ अवसर आया है। यह सौभाग्य की बात है कि मैं भारत में हूं।” उन्होंने कहा, “मैं यहां के वातावरण का आनंद लूंगी। यह दृश्य मेरी आंखों और आत्मा के लिए गौरवान्वित करने वाला है। मैं यहां पवित्र संगम में स्नान करूंगी। यह निश्चित रूप से भारतीय धरोहर और संस्कृति की भव्यता को दर्शाता है, जिस पर गर्व होना चाहिए।” सरकारी बयान के मुताबिक, जिन देशों के राजनयिकों ने महाकुंभ में शिरकत की, उनमें अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, रूस, स्विट्जरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड, जर्मनी, नेपाल और कनाडा शामिल हैं। इससे पहले, 2019 के कुंभ में भी 73 देशों के राजनयिकों को बुलाया गया था। 

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