वाराणसी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां माफिया मुख्तार अंसारी पर गाज गिर चुकी है। हथियार के लाइसेंस के एक मामले में कोर्ट ने मुख्तार को दोषी माना है। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन जेल की सजा हो सकती है। वाराणसी की एमपीएमएलए कोर्ट के जज अवनीश गौतम ने मामले में कहा कि सबूतों के आधार पर सिद्ध होता है कि माफिया मुख्तार अंसारी ने गौरीशंकर की मदद से गाजीपुर के डीएम और एसपी का फर्जी दस्तखत कर लाइसेंस लिया था।
फर्जी दस्तावेज के सहारे लिया था लाइसेंस
माफिया अंसारी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर असलहे का लाइसेंस लिया था। इस मामले में दो लोगों को दोषी माना गया, माफिया मुख्तार अंसारी और उसका सहयोगी गौरी शंकर। बता दें कि गौरी शंकर का निधन हो चुका है। इस मामले में सुनवाई कर रहे स्पेशल जज (भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम -01) एमपीएमएलए कोर्ट न्यायाधीश अवनीश गौतम की कोर्ट में मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया। जज अवनीश गौतम ने सुनवाई के दौरान कहा कि सबूतों के आधार पर यह सिद्ध होता है कि माफिया मुख्तार अंसारी ने गौरीशंकर की मदद से गाजीपुर के डीएम और एसपी का फर्जी दस्तखत कर लाइसेंस हासिल किया था। अत: इस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी दोषी करार दिए जाते हैं।
हो सकती है उम्रकैद की सजा
स्पेशल जज (भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम -01) एमपीएमएलए कोर्ट न्यायाधीश अवनीश गौतम की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर धारा- 420,467,468,120बी और धारा 30 आर्म एक्ट में दोषी करार दिया है और धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषमुक्त किया गया। जानकारी दे दें कि कल मुख्तार अंसारी के असलहा के फर्जी लाइसेंस पर सजा का ऐलान होगा। जानकारी दे दें कि धारा 368 के कारण इस मामले में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा हो सकती है।
बनाई थी फर्जी साइन
जानकारी दे दें कि इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि मुख्तार ने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गाजीपुर देवराज नगर के फर्जी हस्ताक्षर बनवाकर हथियार लाइसेंस प्राप्त किया था, यह मामला 1990 में पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना सीबीसीआईडी ने की। बाद में विवेचना उक्त मामले में मुख्तार अंसारी व तत्कालीन शास्त्र लिपिक गौरी शंकर लाल के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में भेजा। एडीजीसी क्रिमिनल एमपीएमएलए कोर्ट विनय सिंह ने कहा हम कल माननीय न्यायाधीश से मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा देने को लेकर पैरवी करेंगे।
(इनपुट- अश्विनी त्रिपाठी)
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