Wednesday, September 25, 2024
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वर्क प्रेशर या कुछ और? HDFC बैंक में महिला अधिकारी की संदिग्ध हालात में मौत; कुर्सी से गिरीं तो उठ नहीं पाईं

HDFC बैंक की गोमतीनगर के विभूतिखंड ब्रांच में महिला अधिकारी सदफ लंच करने के लिए कुर्सी पर बैठी ही थी कि अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। उसके बाद जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टरों ने तुरंत ही मृत घोषित कर दिया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: September 25, 2024 18:37 IST
महिला बैंक अधिकारी की...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO महिला बैंक अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में एक महिला बैंक अधिकारी की संदिग्ध हालात में कार्यस्थल पर ही गिरकर मौत हो गई। विभूतिखंड के थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि सदफ फातिमा (40) नामक महिला HDFC बैंक में काम करती थी तथा मंगलवार को वह कार्यालय परिसर में गिर गई। सिंह ने बताया कि उसके सहकर्मी उसे पास के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया, ''मृतका के परिजनों ने मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।''

परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थी सदफ

यह महिला अधिकारी लखनऊ के ही वजीरगंज इलाके की रहने वाली है। जानकारी के मुताबिक, बीते मंगलवार को एचडीएफसी बैंक की गोमतीनगर के विभूतिखंड ब्रांच में महिला अधिकारी सदफ लंच करने के लिए कुर्सी पर बैठी ही थी कि अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। उसके बाद जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टरों ने तुरंत ही मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों की ओर से अंदेशा जताया गया है कि महिला अधिकारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह पता चल सकेगी।

मृतका की एक महिला रिश्तेदार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि सदफ अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली थी। दो दिन पहले उसकी तबीयत खराब हुई थी लेकिन बाद में वह बिल्कुल ठीक हो गई थी।

ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर कहा कि ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं तथा इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है और ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालात को सवालों के घेरे में ले आते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आंकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।”

बीजेपी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। यादव ने कहा, “ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।'' (भाषा इनपुट्स के साथ)

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