अयोध्या: राम मंदिर के गर्भ गृह में प्रभु श्रीरामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को विधिवत की जाएगी। लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि फिर वर्तमान मूर्ति का क्या होगा। इस सवाल का अब जवाब मिल गया है। सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में वर्तमान में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उन्हें भी नए मंदिर के गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा और नई प्रतिमा के साथ-साथ उनकी भी एक समान पूजा अर्चना की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बहुत से लोग जानना चाहते थे कि गर्भ गृह में श्रीरामलला की नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद वर्तमान में जिस मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उसका क्या होगा। सोमवार को इन सभी सवालों का जवाब मिल गया है।
70 साल से हो रही है रामलला की मूर्ती की पूजा
चंपत राय ने बताया कि भगवान की वर्तमान प्रतिमाएं जिनकी उपासना, सेवा, पूजा लगातार 70 साल (1950 से) से चली आ रही है, वो भी मूल मंदिर के मूल गर्भ गृह में ही उपस्थित रहेंगी। उन्होंने बताया कि जैसे अभी उनकी पूजा और उपासना की जा रही है, वैसी ही 22 जनवरी से भी अनवरत की जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि पुरानी प्रतिमाओं के साथ-साथ श्रीरामलला की नई प्रतिमा को भी अंग वस्त्र पहनाए जाएंगे। मालूम हो कि वर्तमान में जिस मंदिर में श्रीरामलला की पूजा होती है, वहां श्रीरामलला अपने तीनों भाइयों के संग विराजमान हैं।
कैसी होगी रामलला की नई प्रतिमा
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की 51 इंच लंबी मूर्ति स्थापित की जाएगी, यह मूर्ति नख से शिख तक 51 इंच ऊंची होगी। इसमें रामलला को खड़े हुए दिखाया गया है और कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फ़ीट होगी। मूर्ति में भगवान का स्वरूप पांच वर्ष के बच्चे के समान बालरूप में होगा। रामलला की नई मूर्ति को अचल मूर्ति कहा जाएगा, यानी इस नई बाल स्वरूप प्रतिमा को गर्भगृह से कभी नहीं हटाया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर पुरानी मूर्ति उत्सव मूर्ति के तौर पर जानी जाएगी। इस प्रतिमा का उपयोग सभी उत्सवों में होगा।
रामलला की मूर्ति के चयन मानदंड पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव, चंपत राय ने बताया था, "ट्रस्ट के अनुमान के अनुसार, जो इसके बारे में सबसे दिव्य रूप और धारण करता है प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम लला की एक विशिष्ट छाप का चयन किया जाएगा।” रामलला की मूर्ति के लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति को चुना गया है। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।