लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। 543 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल से मतदान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि 7 चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा। अगर उत्तरप्रदेश की बात करें तो यहां लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई, 1 जून को मतदान किया जाएगा। वहीं 4 जून को चुनाव के परिणाम के घोषित किए जाएंगे। भाजपा अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट से भाजपा ने महेंद्रनाथ पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने चंदौली लोकसभा सीट से वीरेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।
कौन हैं महेंद्र नाथ पांडेय?
बता दें कि महेंद्र नाथ पांडेय को भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार चंदौली लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। वर्तमान में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय चंदौली के दूसरी बार के सांसद हैं और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। बता दें कि महेंद्रनाथ पांडेय गाजीपुर जिले के पखनपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने पत्रकारिता में अपनी पढ़ाई की है और पीएचडी भी हासिल किया है। बता दें कि उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से ही हो गई थी। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और साल 1978 में वो बीएचयू में महामंत्री चुने गए थे। सात ही 1973 में वह सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज से अध्यक्ष चुने गए थे। 1975-76 के दौरान महेंद्रनाथ पांडेय एबीवीपी के वाराणसी जिला संयोजक रहे। साल 1985-86 में उन्हें भाजयुमों का प्रदेश मंत्री बनाया गया। साल 1987 में वो भाजपा उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य चुने गए। साल 1991 में पहली बार वो गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद दोबारा सैदपुर से उन्हें विधायक चुना गया। इसके बाद साल 2014 में वो चंदौली सीट से पहली बार सांसद बनें और अब तीसरी बार उन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
कौन हैं वीरेंद्र सिंह?
वीरेंद्र सिंह को समाजवादी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि वीरेंद्र सिंह समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री और विधायक रह चुके हैं। वीरेंद्र सिंह वाराणसी के चिरईगांव के रहने वाले हैं। इससे पहले वीरेंद्र सिंह कांग्रेस, बसपा में भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। वीरेंद्र सिंह ने साल 1996 में चिरई गांव से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। इसी साल उन्होंने चिरईगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2003 में चिरईगांव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने फिर कांग्रेस को ज्वाइन किया। हालांकि साल 2012 के चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया। इसके बाद साल 2017 में फिर से बसपा में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने बसपा को छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
चंदौली लोकसभा क्षेत्र का गणित
चंदौली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में यूपी विधानसभा की 5 सीटें आती हैं। बता दें कि यह जिला वाराणसी और गाजीपुर जैसे अहम जिलों से सटा हुआ है। इन 5 लोकसभा सीटों में मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराजा, शिवपुर, अजगरा शामिल है। साल 1957 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के त्रिभुवन नारायण सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1959 में हुए उपचुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के प्रभु नारायण सिंह, 1962 में कांग्रेस के बालकृष्ण सिंह, 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के निहाल सिंह, 1971 में कांग्रेस के सुधाकर पांडेय, 1977 में भारतीय लोकदल के नरसिंह यादव, 1980 में जनता पार्टी से निहाल सिंह ने, 1984 में कांग्रेस से चंद्र त्रिपाठी, 1989 में जनता दल के कैलाश नाथ सिंह यादव ने जीत दर्ज की।
पहली बार साल 1991 में यहां भाजपा ने कब्जा जमाया। साल 1998 से तक भाजपा इस सीट पर डटी रही और आनंद रत्न मौर्या का यहां दबदबा रहा। साल 1999 में इस सीट से सपा के जवाहर लाल जायसवाल को जीत मिली। साल 2004 में बसपा के कैलाश नाथ सिंह ने जीत दर्ज की। साल 2009 में सपा के रामकिशुन यादव ने जीत दर्ज की। लेकिन 2014 पर इस सीट से भाजपा के महेंद्रनाथ पांडेय ने जीत दर्ज की और तब से लेकर अबतक इस सीट पर भाजपा का ही दबदबा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में महेंद्रनाथ पांडेय का मुकाबला सपा के संजय सिंह चौहान से था, जिसमें उनहें कांटे की टक्कर मिली थी।