Sunday, December 15, 2024
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Lok Sabha Elections 2024: राहुल बोले, 'अमेठी और रायबरेली के लोग जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे'

Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि अमेठी और रायबरेली को लोग जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : May 14, 2024 23:59 IST, Updated : May 15, 2024 6:31 IST
राहुल गांधी- India TV Hindi
Image Source : PTI राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ एक एल्बम देख रहे हैं। इसमें दोनों नेता गांधी परिवार की अमेठी और रायबरेली से पुरानी यादों को लेकर बात कर रहे है। मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर उन्हें पापा और दादी की याद आ जाती है।

 हमारी कर्मभूमि है

राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, हमारी कर्मभूमि है, जिसका कोना-कोना पीढ़ियों की यादें संजोए हुए है। मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर पापा और दादी की याद भी आ गई, जिनकी शुरू की गई सेवा की परंपरा मैंने और मां ने आगे बढ़ाई। प्रेम और विश्वास की बुनियाद पर खड़े 100 वर्षों से भी पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है। अमेठी और रायबरेली जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे।''वीडियो में राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी से पूछा, "आप रायबरेली पहली बार कब गईं?" जिस पर उन्होंने बताया, "1981-82 में मेडिकल कैंप के लिए जाते थे। दिल्ली के कई बड़े डॉक्टर हमेशा मदद के लिए आते थे।"

 अमेठी और रायबरेली से 100 साल का रिश्ता

आगे राहुल गांधी कहते हैं, "हमारे परिवार का अमेठी और रायबरेली से 100 साल का रिश्ता है।" उन्होंने बताया, "हमारे परदादा ने रायबरेली से राजनीति की शुरुआत की थी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ रायबरेली से आंदोलन की शुरुआत की थी।"आगे सोनिया गांधी, राहुल को बताती हैं, "परदादा के निधन के बाद दादी (इंदिरा गांधी) ने रायबरेली से चुनाव लड़ा।" इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं, "जब मैं अमेठी से सांसद था, रायबरेली से लोग आए थे। आईटीआई के लोग आए थे। जिसे उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बंद करना चाहती थी।"उन्होंने बताया, "हमारे सामने नौकरी और भविष्य का सवाल है। हमने काफी कोशिश की और उसे बंद करने से बचाया। हम चाहते थे कि रायबरेली का टेक्नोलॉजी स्प्रिट और टेलीकॉम का कनेक्शन का रिश्ता न टूटे।"

सोनिया गांधी बताती हैं, "मैं लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव में जाती थी, उनसे बातचीत करती थी। गांव में किसी की शादी या फिर देहांत हो जाता था। तो, उनके परिवार के लोगों से मिलने जाती थी। रायबरेली से मेरा बहू और बेटी जैसा रिश्ता रहा है।"

अमेठी थोड़ा पीछे रह गया

राहुल गांधी बताते हैं, "उनके पिता राजीव गांधी ने वहां पर बहुत विकास कार्य किए। दादी ने रायबरेली में इतना विकास किया कि अमेठी थोड़ा पीछे रह गया। इसके बाद पापा ने अमेठी में बहुत ज्यादा विकास के कार्य किए। फिर, लगने लगा कि अमेठी विकास कार्य के मामले में रायबरेली से आगे निकल गई। हमारी सरकार में मां सोनिया गांधी और मैंने अमेठी में बहुत विकास के कार्य किए। मेरी ज्यादा से ज्यादा कोशिश रही कि अमेठी में सड़कों का जाल बिछाएं ताकि अमेठी को देश से जोड़ सकें। मैं फूड पार्क के प्रोजेक्ट को लगाना चाहता था, जिससे अमेठी और रायबरेली का चेहरा ही बदल जाता। लेकिन, उस योजना को भाजपा वालों ने रोक दिया।"

राहुल गांधी ने कहा, "जो काम रायबरेली के लिए मां सोनिया गांधी और दादा ने किया, मैं उसको आगे लेकर जाऊं। रायबरेली के लोगों से परिवार, दोस्ती का रिश्ता है। जैसे मेरा मां और बहन के साथ रिश्ता है, वैसे ही रायबरेली के लोगों से है। रायबरेली में जो अरहर की दाल बनती है, वैसे शायद कहीं और नहीं बनती होगी। मेरे लिए अमेठी और रायबरेली एक जैसी है। अमेठी और रायबरेली में हमें सब कुछ दिया। जब भी जरूरत होगी, हम वहां मिलेंगे।" (आईएएनएस)

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