जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर संसदीय क्षेत्र के युवा मतदाताओं के लिए रोजगार एक बड़ी चिंता का विषय है। हालांकि चाय का ठेला लगाने वाले एक युवा ने कहा कि वह सरकार से खुश है और चाय-बिस्किट बेचने के बाद चैटिंग भी एंजॉय करता है। कुछ क्षेत्रों में यातायात जाम भी इस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के लिए चिंता का कारण है। इस इलाके की सीमा प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से लगती है। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो महाराष्ट्र के गृह मंत्री रह चुके हैं। कृपाशंकर का मुकाबला समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा से है।
‘शादी के बाद के बाकी खर्च कौन उठाएगा?’
बसपा ने इस सीट से सांसद श्याम सिंह यादव को चुनाव मौदान में उतारा है। 2019 के चुनाव में बसपा और सपा का गठबंधन था। जौनपुर में युवाओं को जिले में नौकरी के अवसर न मिलने की शिकायत है। मनहाल गांव के 30 वर्षीय सूर्य प्रताप मौर्य कहते हैं, ‘‘मेरे पास एमए की डिग्री है और मैंने कई सरकारी नौकरियों के लिए फॉर्म भरे हैं। एक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। अब मैं अन्य भर्ती परीक्षाओं के नतीजों का इंतजार कर रहा हूं।’’ जब उनसे यह कहा गया कि सरकार मुफ्त राशन दे रही है तो मौर्य आक्रोशित होकर कहा, ‘शादी के बाद के बाकी खर्च कौन उठाएगा?’ हालांकि, कुछ युवा अपने काम से खुश हैं।
‘मैंने नौकरी के बारे में कभी नहीं सोचा था’
शहर के पुराने इलाके ओलंदगंज में चाय की दुकान चलाने वाले सनी साहू मौजूदा सरकार से खुश हैं। साहू ने कहा,‘12वीं कक्षा पूरी करने के बाद मैंने नौकरी के बारे में कभी नहीं सोचा था। बैंक से कर्ज लिया और एक ठेला खरीदा। मैं सुबह चाय और बिस्कुट बेचता हूं और फिर शाम को 'चैटिंग' करता हूं। मैं दिन में 300-400 रुपये कमाता हूं।’ रोजगार के पर्याप्त साधन न होने के अलावा जौनपुर में लोगों की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है यातायात जाम की। शहर के बलुआघाट इलाके में रहने वाले ज़ीशान खान कहते हैं, ‘रेलवे क्रॉसिंग गेट दिन में कई बार बंद होते हैं। जिसके कारण शहर में अक्सर यातायात जाम होता है। अगर इन रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर बन जाए तो समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।’
‘लोग अब बीजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं’
जौनपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं। व्यवसायी एवं स्थानीय कांग्रेस नेता विकेश उपाध्याय ने शहर की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘2014 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले में एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी थी और 2016 में निर्माण कार्य पूरा हो गया था। लेकिन मेडिकल कॉलेज कभी चालू नहीं हुआ। अब इसे जिला अस्पताल के साथ संबद्ध कर दिया गया है। बड़ा जिला होने के बावजूद यहां कोई ट्रॉमा सेंटर नहीं है।’ सपा प्रत्याशी कुशवाहा कहा,‘पूरे देश में ‘I.N.D.I.A.’ गठबंधन की लहर चल रही है। लोग अब बीजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं। लोग इस बार बदलाव चाहते हैं। चार जून को चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले होंगे।’ (भाषा)