यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां अब अगले चरण के मतदान के लिए अपने सियासी मोर्चों पर तैनात हो चुकी हैं। यूपी की हाई प्रोफाईल सीटों में से एक मैनपुरी में चुनाव प्रचार दिन प्रतिदिन तेजी पकड़ता नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी के लिए मैनपुरी लोकसभा सीट बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस पर 28 साल से पार्टी का कब्जा है। इस सीट से मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ते रहे हैं। उनके निधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने उपचुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की थी। इस सीट पर एक बार फिर डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभाएं आती हैं जिसमें मैनपुरी, भोंगांव, किशनी, करहल और जसवंतनगर शामिल है। साल 2022 विधानसभा चुनाव में 3 सीटों पर सपा और 2 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है।
किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन है जबकि एनडीए में बीजेपी, आरएलडी, अपना दल और निषाद पार्टी शामिल है। I.N.D.I. अलायंस ने एक बार फिर डिंपल यादव को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, NDA की तरफ से ठाकुर जयवीर सिंह और बसपा की तरफ से शिव प्रसाद यादव चुनावी मैदान में हैं।
साल 2019 के चुनाव और उपचुनाव के नतीजे क्या थे?
साल 2019 आम चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। उन्हें 5 लाख 24 हजार 926 वोट यानी 53.75 फीसदी वोट मिले थे जबकि बीजेपी के उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य को 4 लाख 30 हजार 537 वोट यानी 55.09 फीसदी मिले थे।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई थी जिसपर साल 2022 में उपचुनाव हुए। इसमें मुलायम सिंह की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को जीत मिली थी। डिंपल ने 2.88 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। उन्हें 6 लाख 18 हजार 120 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 3 लाख 29 हजार 659 वोट मिले थे।
जानें डिंपल यादव के बारे में
डिंपल यादव सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव की पत्नी हैं। वह यूपी में सेलिब्रिटी सांसद के रूप में भी जानी जाती है। डिंपल का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य संकाय में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 21 साल की उम्र में उनका विवाह अखिलेश यादव से हुआ।
डिंपल यादव ने अपना राजनीतिक सफर 2009 में शुरू किया था। उन्होंने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से राज बब्बर के खिलाफ चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2012 में लोकसभा उपचुनाव के दौरान कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र से डिंपल यादव सांसद चुनी गई। 2014 में वे फिर से कन्नौज की सांसद चुनी गई थीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में वे सपा बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ी थीं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2022 के उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी से सांसद चुनी गई हैं।
कौन हैं ठाकुर जयवीर सिंह?
जयवीर सिंह ठाकुर फिरोजाबाद के ककहरा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने इसी गांव से ग्राम प्रधानी का चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2002 में मैनपुरी की घिरोर सीट से विधायक का चुनाव जीते थे। इसके बाद फिर वह 2007 के विधानसभा चुनाव में फिर से घिरोर से विधानसभा पहुंचे थे। जयवीर सिंह 2003 से 2006 तक यूपी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के तौर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग देखते रहे। जब वह दूसरी बार विधायक बने तो मायावती की सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी बतौर राज्य मंत्री संभाली थी। इसके बाद वह बीजेपी में आ गए थे और पार्टी ने उन्हें 2022 में विधानसभा का टिकट दिया था।
मौजूदा वक्त में वह मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में उनके पास अभी पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस सीट पर बीते विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार सपा के विधायक रहे राजकुमार उर्फ राजू यादव को हराकर चुनाव जीता था। अब उनके कंधों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और नेताजी की राजनीति विरासत को आगे बढ़ा रहीं डिंपल यादव को हराने की जिम्मेदारी होगी।
यादव बहुल सीट मानी जाती है मैनपुरी
मैनपुरी लोकसभा सीट पर पिछड़ी जातियों की बहुलता है। इस सीट पर सबसे ज्यादा वोटर यादव समुदाय के हैं। एक अनुमान के मुताबिक यादव वोटर्स की संख्या 3.5 लाख है. इसके अलावा राजपूत वोटर्स की संख्या 1.5 लाख है और शाक्य वोटर्स की संख्या 1.6 लाख है। यहां ब्राह्मण वोटर 1.2 लाख, जाटव वोटर 1.4 लाख और लोधी राजपूत वोटर्स की संख्या एक लाख है। मैनपुरी में मुस्लिम वोटर भी एक लाख के करीब है जबकि कुर्मी मतदाता भी एक लाख हैं।