लखनऊः बाहुबली और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। ये मुलाकात तीन दिन पहले हुई थी लेकिन मुलाकात की तस्वीर आज सामने आई। सूत्रों के अनुसार, धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर सकती हैं। इसकी अटकलें सियासी गलियारों में चल रही हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है।
धनंजय सिंह करेंगे बीजेपी का समर्थन
दरअसल, पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने का ऐलान कल ही किया था। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग के बाद बीजेपी को सपोर्ट करने का फैसला किया था।पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश में इस समय एक अच्छी सरकार चल रही है। इसलिए सरकार का हमें समर्थन करना चाहिए। धनंजय सिंह ने कहा कि हमारी सरकारों से लड़ाई चलती रहेगी। सरकारें जब झूठे मुकदमें करेंगी तो उसकी खिलाफत की जाएगी।
बसपा ने काट दिया था श्रीकला का टिकट
पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जौनपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन उनका टिकट काटकर मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। जिले के बसपा नेता ने दावा किया था कि धनंजय सिंह ने टिकट लौटा दिया था इसलिए उम्मीदवार बदला गया। वहीं, धनंजय ने कहा कि टिकट कटने से उनकी पत्नी आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि पत्नी का टिकट काटकर मुझे बेइज्जत करने की साज़िश की गई है। धनंजय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बसपा ने मुझे चौथी बार धोखा दिया है। वर्ष 2012 में 2014 और 2017 में इस पार्टी ने मुझे टिकट देने का आश्वासन दिया और अंतिम समय पर धोखा दे दिया।
धनंजय सिंह हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुए थे रिहा
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कुछ दिनों पहले बरेली जेल से रिहा कर दिया गया था। जौनपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने छह मार्च को पूर्व सांसद और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को, नमामि गंगे परियोजना प्रबंधक अभिनव सिंघल के अपहरण और जबरन वसूली के साल 2020 के मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उन्हें जौनपुर जिला जेल में रखा गया था और बाद में बरेली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछली 27 अप्रैल को सिंह को जमानत दे दी थी, लेकिन जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सात साल के कारावास की सजा को निलंबित करने या स्थगित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
(भाषा इनपुट के साथ)