गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद में बीजेपी से अतुल गर्ग, कांग्रेस से डॉली शर्मा और बसपा से नंद किशोर पुंडीर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला इन तीनों के बीच दिखाई दे रहा है। ये एक हाईप्रोफाइल सीट है, जहां से अब तक बीजेपी 7 बार और कांग्रेस 5 बार चुनाव जीत चुकी है।
गाजियाबाद सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है क्योंकि अगर 2004 के चुनाव को छोड़ दें तो 1991 से लेकर 2019 तक बीजेपी ने लगातार जीत हासिल की है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी वीके सिंह ने यहां से साढ़े पांच लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी।
कितनी है वोटर्स की संख्या?
गाज़ियाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत यहां 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनके नाम लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद और धौलाना है। यहां की 72 प्रतिशत आबादी हिंदू और 25 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है। साल 2014 के चुनाव में 2357553 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 43 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।
साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
साल 2019 लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था। बीजेपी ने एक बार फिर से वीके सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें टिकट दिया। बीजेपी के वीके सिंह को 9 लाख 44 हजार 503 वोट मिले। वहीं गठबंधन प्रत्याशी समाजवादी पार्टी सुरेश बंसल को 4,43,003 वोट मिले थे। वीके सिंह ने करीब 5 लाख के अंतर से जीत दर्ज की थी। तीसरे नंबर पर कांग्रेस की डॉली शर्मा रही थी। 1,11,944 वोट मिले थे।
जातीय समीकरण क्या है?
गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र की आबादी 50 लाख से ज्यादा है। जातिगत समीकरण के मुताबिक यहां की करीब 70 फीसदी आबादी हिंदू है जबकि करीब 25 फीसदी मुस्लिम आबादी है। दलित और मुस्लिम गाजियाबाद में काफी निर्णायक रहा है। जिले में ब्राह्मण, वैश्य, गुर्जर, ठाकुर, पंजाबी और यादव वोटर भी हैं।
कौन हैं अतुल गर्ग?
गाजियाबाद से 2 बार के विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग बीजेपी से लोकसभा प्रत्याशी हैं। अतुल गर्ग को बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक माना जाता है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल को 70 हजार वोटों से हराया था। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा के विशाल शर्मा को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
कौन हैं डॉली शर्मा?
डॉली शर्मा कांग्रेस से प्रत्याशी हैं। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन तीसरे नंबर पर रही थीं। वह कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने साल 2017 में राजनीति की शुरुआत की थी और पार्टी ने उन पर भरोसा जताया था। उन्होंने निकाय चुनाव भी लड़ा था।
कौन हैं नंद किशोर पुंडीर?
नंद किशोर पुंडीर मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। वह ठेकेदारी के व्यवसाय में हैं। रोचक बात ये है कि नंद किशोर के सामने उनकी पत्नी और भतीजा भी चुनावी मैदान में है।
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