नई दिल्ली: कांग्रेस से निष्काषित नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा है कि वह स्मृति ईरानी से डर गए। इससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है। आगे उन्होंने कहा कि जो राहुल गांधी कहा करते थे कि डरो मत, आज वही राहुल गांधी डर गए। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह लगता था कि राहुल गांधी डरते नहीं हैं, लेकिन अब इससे यह एक मैसेज गया है कि राहुल गांधी हारने से डर गए और अमेठी छोड़कर चले गए।"
कार्यकर्ताओं के बीच गया गलत संदेश
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि "पब्लिक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह परस्पेशन था कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यह पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार अमेठी, रायबरेली हारा, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। संजय गांधी भी चुनाव हारे, लेकिन सीट नहीं छोड़ी, इंदिरा गांधी भी चुनाव हारीं, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। यह पहली बार हुआ है कि राहुल गांधी ने सीट छोड़ी है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है।"
राहुल का फैसला आत्मघाती
आचार्य प्रमोद ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा कि “जब पब्लिक का परस्पेशन बदलता है, तो सब कुछ बदल जाता है। मुझे लगता है कि राहुल का यह फैसला आत्मघाती सिद्ध होगा, क्योंकि जब राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एड्रेस करते थे, तो कहते थे डरो मत, पब्लिक मीटिंग को एड्रेस करते थे, तो कहते थे कि डरो मत, मीडिया से कहा करते थे कि डरो मत, तो जो व्यक्ति दूसरों से यह कहता था कि डरो मत, वो आज खुद डर गया। अब यह बड़ा सवाल बन चुका है कि राहुल गांधी इतने बड़े नेता हैं, लेकिन स्मृति ईरानी से कैसे डर गए।"
अमेठी से नहीं लड़ना तो वाराणसी से लड़ते
उन्होंने आगे कहा कि "अब अगर उन्हें अमेठी से नहीं लड़ना था, तो देश की सबसे बड़ी सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के सामने लड़ना चाहिए था।" उन्होंने कहा कि "रायबरेली से चुनाव लड़ने के पीछे कोई रणनीति नहीं है। इसके पीछे एक साजिश है, प्रियंका गांधी को संसद में जाने से रोकने की। पार्टी के भीतर एक बहुत बड़ी साजिश प्रियंका गांधी के खिलाफ हो रही है। उसका शिकार हुई हैं वो।" (इनपुट- एजेंसी)
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