लोकसभा चुनाव 2024 में पहले चरण का मतदान हो चुका है। जिन सीटों में दूसरे चरण में मतदान होना है। वहां चुनाव प्रचार तेजी पकड़ चुका है। उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट में भी 26 अप्रैल को मतदान होना है। यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को टिकट दिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने मुकेश धनगर और बहुजन समाज पार्टी ने सुरेश सिंह को टिकट दिया है। मथुरा में जाट मतदाता बहुमत में हैं, लेकिन यहां से बाहरी उम्मीदवार ज्यादा सफल रहे हैं। ऐसे में समीकरण हेमा के पक्ष में हैं, लेकिन इतिहास उनके साथ नहीं है।
मथुरा लोकसभा सीट से अब तक कोई भी उम्मीदवार लगातार तीन बार सांसद नहीं बना है। शुरुआती दो चुनाव में तो यहां से निर्दलीय सांसद बने थे। देश के सबसे पुरानी और तत्कालीन सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को यहां से पहली बार जीत 1962 में मिली थी। वहीं, बीजेपी ने पहला चुनाव 1991 में जीता। हालांकि, इससे पहले जनता पार्टी और जनता दल के नेता यहां जीत हासिल करते रहे। मथुरा से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी हार का सामना करना पड़ा था।
त्रिकोणीय लड़ाई में फंस सकती हैं हेमा
मथुरा में लंबे समय से ध्रुवीकरण की राजनीति ही काम करती रही है। इस बार भी यहां राम मंदिर की लहर है और पीएम मोदी के चेहरे पर लोग आसानी से हेमा मालिनी को तीसरी बार संसद भेज सकते हैं, लेकिन लड़ाई इतनी आसान नहीं है। विपक्षी दलों के गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी ने मुकेश धनगर को टिकट दिया है और बहुजन समाज पार्टी ने सुरेश सिंह को टिकट दिया है। मथुरा में जाट मतदाता सबसे ज्यादा हैं। उन्हीं को साधने के लिए जाट उम्मीदवार उतारा गया है।
हेमा मालिनी खुद को जाट बताती हैं, क्योंकि उन्होंने धर्मेंद्र से शादी की है। वह 10 साल से मथुरा सांसद हैं और अब क्षेत्र की समस्याओं के लिए उन पर सवाल उठने लगे हैं। कई मौकों पर मतदाता उन्हें इसके लिए जिम्मेदार भी मानते हैं। ऐसे में यह तो तय है कि अखिलेश और मायावती दोनों के उम्मीदवार वोट काटने का काम करेंगे, लेकिन अगर ये वोट सिर्फ हेमा मालिनी के कम हुए तो मुकेश धनगर के जीतने की संभावनाएं बन सकती हैं और हेमा का हैट्रिक का सपना टूट सकता है।
2019 और 2014 में क्या था नतीजा?
2019 में हेमा मालिनी को 2,93,471 वोट के अंतर से जीत मिली थी। उन्हें कुल 6,71,293 वोट मिले थे। उनका वोट शेयर 61 फीसदी था। राष्ट्रीय लोक दल के कुवंर नरेंद्र 3,77,822 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे। उन्हें 34.21 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, 2014 में हेमा मालिनी को 5,74,633 वोट मिले थे। उनका वोट शेयर 53.29 रहा था। राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी 2,43,890 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे। उनका वोट शेयर 22.62 फीसदी था। हेमा ने 3,30,743 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।
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