लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने यूपी की 74 सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। राज्य में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। इनमें से 74 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि छह सीटें एनडीए गठबंधन में अपने सहयोगी दलों को दी हैं। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
रायबरेली ऐसी सीट थी, जहां अब तक बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। यहां शुक्रवार (3 मई) को नामांकन का आखिरी दिन है। कांग्रेस ने अब तक इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर दिनेश को उम्मीदवार बनाया है। आइए जानते हैं कि दिनेश आखिर हैं कौन...
2018 में बीजेपी में आए
दिनेश सिंह ने कांग्रेस पार्टी से ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वह 2010 में पहली बार एमएलसी बने थे। 2016 में वह दूसरी बार इस पद पर चुने गए और 2018 में बीजेपी में शामिल होकर 2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। वह 1.67 लाख वोट से हार गए, लेकिन 2022 में बीजेपी ने उन्हें फिर एमएलसी बना दिया। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में वह उद्यान कृषि निर्यात मंत्री हैं। उनके पास स्वतंत्र प्रभार है। ठाकुरों का वोट साधने के लिए बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है। उनका पूरा परिवार रायबरेली की राजनीति में सक्रिय है। हालांकि, 2022 में उनके भाई राकेश सिंह हरचंदपुर सीट से चुनाव हार गए थे।
कितनी है संपत्ति?
दिनेश प्रताप सिंह ने 2019 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 2.96 करोड़ रुपये बताई थी। उन्होंने यह भी बताया था कि उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके ऊपर दंगा भड़काने और हथियार रखने का भी आरोप है। 2019 में उनके खिलाफ रायबरेली के महाराजगंज, दलमऊ और मिल एरिया थाने में एफआईआर दर्ज थी।
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