Monday, December 23, 2024
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सांसदों और विधायकों की अयोग्यता मामले में रिकॉर्ड बना रहा उत्तर प्रदेश, सदस्यता खोने वाले नेताओं की देखें लिस्ट

बसपा सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा से अयोग्यता अब लगभग तय है, गैंगस्टर्स एक्ट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद, उत्तर प्रदेश सांसदों व विधायकों के अयोग्यता के मामले में रिकॉर्ड स्थापित करता दिख रहा है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Apr 30, 2023 14:57 IST, Updated : Apr 30, 2023 14:57 IST
बसपा सांसद अफजाल अंसारी और सपा के पूर्व विधायक आजम खान
Image Source : FILE PHOTO बसपा सांसद अफजाल अंसारी और सपा के पूर्व विधायक आजम खान

बसपा सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा से अयोग्यता अब लगभग तय है, गैंगस्टर्स एक्ट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद, उत्तर प्रदेश सांसदों व विधायकों के अयोग्यता के मामले में रिकॉर्ड स्थापित करता दिख रहा है। सितंबर 2013 में, कांग्रेस के राशिद मसूद ने भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी राज्यसभा सीट खो दी थी। इस तरह सीट गंवाने वाले वह पहले सांसद थे। 2013 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, सांसद/विधायक की सदस्यता उस समय रद्द कर दी जाती है, जब उसे किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है और दो या दो साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है।

  1. इस लिस्ट में सबसे ताजा बसपा सांसद अफजाल अंसारी का नाम जुड़ा है। उन्होने इस समय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हराकर गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। अंसारी को शनिवार को गाजीपुर की एक अदालत ने गैंगस्टर्स एक्ट के तहत एक मामले में दोषी ठहराया और चार साल की जेल की सजा सुनाई।
  2. अयोग्यता का सामना करने वाले यूपी के विधायकों में सपा के पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान (रामपुर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) शामिल हैं। आजम खान और अब्दुल्ला आजम को इस साल फरवरी में अभद्र भाषा, प्रदर्शन करने और यातायात बाधित करने से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
  3. अब्दुल्ला आजम यूपी विधानसभा से दो बार अयोग्य हो चुके हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा के लिए उनके चुनाव को रद्द करने के बाद उन्हें पहले 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनकी पिछली अयोग्यता 16 दिसंबर, 2019 से प्रभावी थी।
  4. इसके बाद भाजपा विधायक विक्रम सैनी (खतौली-मुजफ्फरनगर) ने हाल ही में इसी आधार पर अपनी सदस्यता खो दी थी।
  5. दिसंबर 2021 में, गोसाईंगंज (अयोध्या) के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने 29 साल पुराने फर्जी मार्कशीट मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सदस्यता खो दी थी।
  6. दिसंबर 2019 में, बांगरमऊ (उन्नाव) से 'निष्कासित' बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की सत्र अदालत द्वारा बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। दिल्ली की अदालत ने चार बार के विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया था। उन पर 2017 में अपने गांव (माखी) में एक लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था।
  7. वहीं अप्रैल 2019 में, हमीरपुर के भाजपा विधायक, अशोक सिंह चंदेल ने हमीरपुर जिला अदालत द्वारा 1997 के एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी थी और इस फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। वह फिलहाल जेल में है।

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