Thursday, November 21, 2024
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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले की 22 फरवरी को होगी सुनवाई, इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनाएगा अहम फैसला

शाही मस्जिद को हटाने की मांग वाली याचिका विचार योग्य है नहीं के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई होगी। याचि्का में दावा किया गया है कि मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: January 30, 2024 22:01 IST
कृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद मथुरा- India TV Hindi
Image Source : FILE कृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद मथुरा

प्रयागराज: मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली याचिका विचार योग्य है या नहीं, इसकी सुनवाई के लिए मंगलवार को 22 फरवरी की तारीख तय की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है। जस्टिस मयंक कुमार जैन ने कहा कि याचिका विचार योग्य है नहीं के संबंध में अदालत अगली तिथि पर सुनवाई करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता (इस मामले में न्याय मित्र) मनीष गोयल ने मंगलवार को मामले की सुनवाई शुरू होने पर कहा चूंकि ये याचिकाएं भगवान द्वारा अपने मित्र की ओर से दायर की गयी हैं इसलिए याचिकाओं में टकराव से बचने के लिए अदालत को एक साझा अभिभावक की नियुक्ति करनी चाहिए। एक साझा अभिभावक की अनुपस्थिति में मुकदमा अनंत तक चलता रहेगा। 

6 फरवरी तक आपत्तियां मांगी गईं

वरिष्ठ अधिवक्ता के इस सुझाव का कुछ याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने यह कहते हुए विरोध किया कि उन्होंने अलग-अलग मुकदमे दायर किए हैं और वे स्वयं ये मुकदमे लड़ेंगे। वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, “रिकॉर्ड पर गौर करने से पता चलता है कि याचिका को खारिज करने के लिए अर्जी लंबित हैं।” उल्लेखनीय है कि कुछ मामलों में आपत्तियां दाखिल की गई हैं और कुछ मामलों में दाखिल नहीं की गई हैं। अदालत ने कहा, ''उन मामलों में जहां याचिकाकर्ताओं ने अपनी आपत्तियां दाखिल नहीं की हैं, वे छह फरवरी 2024 तक आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। निर्देश दिया जाता है कि रजिस्ट्री में आपत्तियां दाखिल करने से पहले इन आपत्तियों की प्रति प्रतिवादियों के अधिवक्ताओं को उपलब्ध कराई जाए।'' 

हाईकोर्ट ने सर्वे की मांग वाली अर्जी स्वीकार की थी

अदालत ने कहा, ''प्रतिवादियों को 13 फरवरी, 2024 तक उन मुकदमों में लिखित बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया जाता है, जहां जवाबी हलफनामा अभी तक दाखिल नहीं किया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि आपत्ति, हलफनामा/जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा।'' उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के लिए अधिवक्ता आयोग के गठन की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली थी। इससे पूर्व, अदालत ने मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी 15 याचिकाओं को समेकित करने का निर्देश दिया था क्योंकि ये सभी समान प्रकृति की हैं। (भाषा)

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