कानपुर: सरकारी विभागों की वैसे तो कारगुजारियों से हम और आप वाकिफ है लेकिन कानपुर में बिजली विभाग की एक ऐसी कारगुजारी सामने आई जिसने सबको हैरान कर दिया है। कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड (केस्को) ने एक उपभोक्ता को 5 महीने का बिजली का बिल अनिल 23 लाख 92 हजार रुपए का थमा दिया है और खास बात ये की उपभोग्ता एक कच्चे मकान में गुजर बसर कर रहा है। घर में सही से सारे संसाधन भी मुहैया नहीं है। ये उपभोक्ता अधिकारियों से लेकर सीएम योगी तक से गुहार लगा रहा है।
मीटर की रीडिंग नहीं लेने आते बिजली विभाग के कर्मचारी
कानपुर के फूलबाग के संजय नगर में रहने वाले चंद्रशेखर का कच्चे मकान में रहते हैं। चंद्रशेखर एक कंपनी में प्राइवेट जॉब करते हैं। जहां उन्हें महज 9 हजार रुपए मिलते हैं। उनके साथ बेटी और दामाद भी रहते हैं। चंद्रशेखर के दामाद अजीत ने बताया कि पिछले पांच महीनों से उनके बिजली के मीटर से केस्को कर्मी रीडिंग लेने नही आ रहे है और जब वो इसकी शिकायत करने विभाग जाते है तो कई महीनों से उन्हें अधिकारी किसी न किसी कारण से टहला देते थे। जब वो मीटर रीडिंग के साथ अपना बिजली का बिल बनवाने पहुंचे तो फूलबाग के सबस्टेशन पर उन्हें 23 लाख 92 हजार का बिल थमा दिया।
क्या बोले अधिकारी
वहीं इस मामले को लेकर जब केस्को के मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला से बात की तो पता चला की ये मामला अधिकारियों की जानकारी में है और इस तरह की तकनीकी खराबी के चलते होती है। दरअसल केस्को के सर्वर में कुछ बदलाव किए गए हैं जिले चलते कुछ मीटर में तकनीकी कमी के चलते मशीन सही डाटा नही ले पा रही है। इसके चलते ये समस्या आई है। जल्द ही उपभोक्ता का समाधान करा दिया जायेगा और उसे इतना बिल जमा नहीं करना पड़ेगा।
रिपोर्ट- ज्ञानेंद्र शुक्ला