ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं की तरफ से पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है। इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की। विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि व्यास जी के तहखाने में अभी हनुमान जी, मगर घड़ियाल (जो गंगा जी का वाहन है) की मूर्ति मिली है। इसके अलावा भगवान विष्णु, गणपति भगवान और शिवलिंग एएसआई को सर्वे के दौरान व्यास जी के तहखाने में मिली थी।
एएसआई ने मूर्तियों को ट्रेजरी में किया था जमा
विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर में मिली सभी प्रतिमाओं और शिलालेखों को ट्रेज़री में जमा करा दिया था। 31 जनवरी को वाराणसी की ज़िला अदालत ने व्यास जी के तहख़ाने में पूजा, राग भोग का आदेश दिया। डीएम के आदेश पर फ़ौरन ट्रेज़री से व्यास तहख़ाने में मिली मूर्तियां निकाली गईं। सभी को व्यास तहख़ाने लाया गया और फिर पूजा शुरू हुई। अभी व्यास जी के तहख़ाने में ट्रेज़री से दो मूर्ति और आनी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों की लगती है ड्यूटी
व्यास जी के तहख़ाने में एक पुजारी और सहायक अभी पूजा करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में 18 पुजारी है इन्हीं में से ड्यूटी लगती है। व्यास जी के तहख़ाने में सुबह श्रीराम आरती होती है क्योंकि यहां विष्णु भगवान का वास भी है। इसके अलावा
पांच अन्य आरती होती है जो काशी विश्वनाथ मंदिर में होती है।
कब-कब होती है आरती
मिश्रा के अनुसार, मंगला आरती जो सुबह तीन बजे होती है। मध्याह्न भोग आरती साढ़े ग्यारह बजे होती है जबकि सप्त ऋषि आरती शाम को सात बजे होती है। वहीं, श्रृंगार भोग आरती रात साढ़े नौ बजे और शयन आरती रात दस बजे से ग्यारह बजे तक होती है। बता दें कि यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए आ रहे हैं।