उत्तर प्रदेश में भेड़ियों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बहराईच से शुरू हुई समस्या प्रदेश के अन्य जिलों तक फैल चुकी है। अब कानपुर में भेड़िये के हमले में तीन लोग घायल हो गए। वन विबाघ की कई टीमें भेड़ियों को पकड़ने में लगी हुई हैं, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। वन विभाग के अनुसार आदमखोर भेड़ियों की संख्या छह थी। इनमें से चार भेड़िए पकड़े जा चुके हैं, लेकिन दो भेड़ियों को पकड़ने में वन विभाग के पसीने छूट गए हैं।
कानपुर के नरवल थाना क्षेत्र के सेमरुआ और बेहटा सकत सहित अन्य गांवों में भेड़िया के हमले से तीन ग्रामीण घायल हो गए। जिसके बाद बुधवार को वन विभाग की टीम गांवों में पहुंच कर घायलों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली। इसके बाद वन विभाग की टीम ने खेतों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन भेड़िया का पता नहीं चल सका। जिसके बाद वन विभाग की टीम शाम को वापस लौट गई। वहीं भेड़िया के आतंक से आसपास के कई गांव के लोग दहशत में हैं।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार नरवल क्षेत्र के मंगलवार देर शाम सेमरुआ गांव निवासी जगरूप के दस वर्षीय बेटे शानू व खेतों में काम कर रहे अमर सिंह के बेटे राम बहादुर पर भेड़िया ने हमला कर दिया। इसके अलावा बेहटा सकत निवासी रामकिशोर (50) वर्षीय पर भेड़िये ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया। भेड़िये के हमले की जानकारी मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। जंगली जानवर के हमले की दहशत से रोशनपुर, खवाजगीपुर, मंधना, बांबी, गढ़ी गांवों के किसान खेतों पर नहीं जा रहे हैं। घायलों का उपचार कराया गया है। वहीं बुधवार को वन विभाग की टीम गांवों में पहुंच कर घायलों से मुलाकात कर भेड़िया की तलाश में जुट गई।
वन विभाग टीम ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
वन विभाग के डिप्टी रेंजर अनिल सिंह तोमर का कहना है कि इस मामले की जानकारी प्राप्त हुई। वन विभाग की एक टीम को गांवों में भेजा गया। टीम ने घायल लोगों से मुलाकात कर जानकारी ली गई, जिसमें बताया गया कि जंगली जानवर भेड़िया है। जो पांडु नदी के जंगलों से भटक कर खेतों की तरफ आ गया है। टीम ने खेतों में जाकर तलाश की, लेकिन भेड़िया मिल नहीं पाया है। टीम फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।
(कानपुर से ज्ञानेन्द्र शुक्ला की रिपोर्ट)