कानपुर: घरों में कुत्ते और बिल्लियां पालना आज के दौर में फैशन सा बन गया है लेकिन जब वही कुत्ते और बिल्ली जान के दुश्मन बन जाए तो मंजर क्या होगा? ठीक ऐसा ही मामला कानपुर देहात के अकबरपुर कस्बे में देखने को मिला जहां के रहने वाले एक परिवार में एक सप्ताह के भीतर पिता-पुत्र की मौत से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि दोनों मौतें पालतू बिल्ली में फैले रैबीज के कारण हुई हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
मामला कानपुर देहात के कस्बा अकबरपुर का है जहां के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने घर में एक बिल्ली को पाल रखा था। घर के सभी सदस्य बिल्ली के साथ खेलते दुलार करते और खाना-पीना करते थे। अचानक एक दिन बिल्ली गली में घूम रहे आवारा पागल कुत्ते की चपेट में आ गई जिसके चलते बिल्ली में रेबीज के लक्षण पनपने लगे। एक दिन अचानक खेलते-खेलते बिल्ली के दांत और पंजे घर के ही एक युवक को लग गए। धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ने लगी। बिल्ली के लक्षण युवक में दिखाई देने लगे और एक दिन अचानक उसकी मौत हो गई। फिर यही स्थिति मृतक युवक के पिता के साथ हुई यानी एक सप्ताह के भीतर पिता पुत्र की मौत बिल्ली के अंदर पनप रहे रेबीज के चलते हो गई।
इलाके में दहशत का माहौल
अचानक पिता पुत्र की मौत की यह घटना क्षेत्र में आग की तरह फैलने लगी तो लोगों में दहशत का माहौल बन गया। फिलहाल परिवार के अन्य सदस्यों को परीक्षण के लिए कानपुर भिजवाया गया जिससे परिवार के अन्य सदस्य सुरक्षित रहे। क्षेत्र के लोगों में भी खौफ है कि कही बिल्ली ने किसी और को पंजे या दांत तो नहीं मार दिए। फिलहाल यह घटना घरों में कुत्ते और बिल्ली पालने वालों के लिए सतर्कता भरी है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
सीनियर डॉक्टर अमित कटियार की माने तो घर के जानवरों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाए। अगर कभी आवारा जानवर परिवार के सदस्यों पर हमला करता है तो उसके लिए सबसे पहले घाव को स्प्रिट से साफ करें। चिकित्सक की सलाह के बाद उपचार जरूर करवाए क्योंकि कई बार रेबीज के लक्षण वर्षों के बाद भी नजर आ सकते हैं और सावधानी न करने पर व्यक्त की मौत हो जाती है ऐसे में उपचार और जागरूकता ही बचाव है।
(रिपोर्ट- ज्ञानेंद्र शुक्ला)
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