कानपुर में मां और बेटी के झोपड़ी में जलने से हुई मौत मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले में महिला मृतक महिला के बेटे का एक बयान आया है। बेटे शिवम दीक्षित ने कहा है कि एसडीएम, लेखपाल, पुलिस और कुछ बदमाशों द्वारा मेरे घर में आग लगाई गई है। इस कारण मेरी मां और बहन की मौत हुई है। शिवम ने बताया कि इस घटना के दौरान मैंने अपनी मां और बहन को बचाने की कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा। इस मामले में शिवम ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील की कि हमारे पास आएं और हमें न्याय दें। बता दें कि इस मामले में आयुक्त कानपुर डॉ। राजशेखर ने कहा कि इस घटना के मद्देनजर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हम आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में लेखपाल व एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है।
डिप्टी सीएम ने की बात
बता दें कि इस मामले में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मृतक महिला के बेटों से बात की है। इस दौरान बेटों ने डिप्टी सीएम से कई मांग की है। पीड़ित बेटों ने सरकार से 1 करोड़ रुपये आर्थिक सहायता राशि की मांग की है साथ ही दोनों भाइयों को सरकारी नौकरी दिलाने की भी मांग की है। साथ ही दोनों ने जमीन के पट्टे को लेकर भी अपनी मांग डिप्टी सीएम के समक्ष रखी है। मृतक महिला के बेटों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने की भी मांग की है। इस बाबत वीडियो कॉल पर बात कर रहे डिप्टी सीएम ने इन सभी मांगों पर अमल करने का आश्वासन दिया है। बता दें कि मृतक मां और बेटी का अंतिम संस्कार कानपुर देहात में ही किा जाएगा। वर्तमान में दोनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया गया है।
क्या बोले डिप्टी सीएम
इस मामले पर राज्य के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि दोषी पाए जाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बाबत एक जांच समिति का गठन किया गया है जो आज अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज कानपुर देहात के मड़ौली गांव में मृत मां-बेटी के परिजनों से मिलने के लिए जाएगा। गौरतलब है कि कानपुर में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची थी। इस दौरान झोपड़ी में संदिग्ध तरीके से आग लग गई। इस घटना में मां बेटी समेत कई मवेशियों की जलने से मौत हो गई है।
इस घटना से गांव की भीड़ आक्रोशित हो गई। आक्रोशित लोगों ने लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। गुस्साई भीड़ को देख प्रशासन की टीम वहां से भाग निकली। इसके बाद से गांव के लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डीएम एसपी द्वारा गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया गया।