Sunday, November 17, 2024
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पानी और लौंग से कैंसर-शुगर का इलाज, मैनपुरी टू बरेली.. बाबा के चोले में कितने पाखंडी? जानें पूरी सच्चाई

बाबा साकार हरि हो या बोतल वाले बाबा हों, बरेली के नल वाले बाबा हों हर बाबा की मोड ऑफ ऑपरेंडी एक ही है। हर कोई पानी को अमृत बता रहा है और इसके पानी से गंभीर बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहा है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: July 10, 2024 17:44 IST
बोतल वाले बाबा- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV बोतल वाले बाबा

उत्तर प्रदेश... 24 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला वो राज्य जहां आस्था और विश्वास के बड़े बड़े केंद्र हैं। उसी प्रदेश में अंध विश्वास के चलते ढोंगियों की दुकानें खूब फल-फूल रही हैं। जहां एक तरफ सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि है जो हैंड पंप के पानी से मुर्दों को जिंदा कर देने का, लाइलाज बीमारियों को ठीक करने का दावा करता है। तो वहीं, दूसरी ओर बोतल वाले बाबा हैं जो बोतल की पानी से कैंसर जैसी बीमारियों को जड़ से मिटाने का दम भरते हैं। तीसरे बाबा हैं महंत ओमेंद्र चौहान, जो हैंड पंप के पानी को अमृत बताकर भक्तों के बीच बांटते हैं और उससे कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने का दावा करते हैं।

बाबा साकार हरि हो या बोतल वाले बाबा हों, बरेली के नल वाले बाबा हों हर बाबा की मोड ऑफ ऑपरेंडी एक ही है। हर कोई पानी को अमृत बता रहा है और इसके पानी से गंभीर बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहा है।

'चमत्कारी पानी' पाखडियों की कहानी

  1. सूरजपाल उर्फ बाबा साकार हरि (मैनपुरी)- हैंड पंप के पानी से चमत्कार
  2. हरिओम उर्फ बोतल बाबा (कानपुर)- पानी की बोतल से कैंसर का इलाज
  3. महंत ओमेंद्र चौहान (बरेली)- हैंड पंप के पानी से कैंसर का इलाज

सबसे पहले आपको कानपुर वाले बाबा की कहानी बताते हैं-

बाबा साकार हरि जिसका आश्रम मैनपुरी और कासगंज से लेकर 13 अलग-अलग जिलों में फैला है जिसके सत्संग के बाद भगदड़ मचने से 121लोगों की मौत हो गई वो सूरज पाल उर्फ भोले बाबा भी चमत्कारी पानी का दावा करता है। लाइलाज बीमारियों का ठीक करने का दावा करता है। ऐसा ही एक कानपुर में भी बाबा है उसका नाम हरिओम महाराज है। वो बोतल के पानी से कैंसर का इलाज करने का दावा करता है और बरेली के आंवला में है मनौना धाम। कानपुर वाले हरिओम बाबा अपने भक्तों के बीच सिर्फ पानी की बोतल ही नहीं बांटते हैं। वो श्रद्धालुओं के लौंग भी बांटते हैं और उससे इलाज करने का दावा करते हैं। बोतल वाले बाबा का दावा है कि इस लौंग को खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी तो ठीक होती ही है, साथ ही साथ भूत प्रेत को भी दूर भगाने में काम आता है। लौंग में फूंक मारकर बाबा को भक्तों देता है और दावा करता है कि उससे भूत भाग जाते हैं।   

हरिओम महाराज को क्यों कहते हैं बोतल वाले बाबा?

ये बोतल वाला बाबा खुद को मां काली का भक्त बताता है और दावा करता है कि मां काली के आशीर्वाद से उसे अलौकिक शक्तियां प्राप्त है जिसकी वजह से वो पानी की बोतल से कैंसर जैसे असाध्य रोग का इलाज करता है। लोगों को बुरी आत्माओं से मुक्ति दिलाता है और भूत प्रेत को भी भगाता है। इंडिया टीवी ने बाबा से जब इस बारे में सवाल किया तो उसका कहना था कि ये जल अमृत के तुल्य है इसलिए इससे इलाज होता है। बाबा यही दावा करता है कि यहां वही लोग आते हैं जिनको दुनियाभर के डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया है इसलिए बाबा के दरबार में बड़ी संख्या में महिलाएं और लड़कियां आती है। बाबा अपने पाखंड का राज स्थापित करने के लिए जिन-जिन चीजों को सहारा लेता है उसमें पानी की बोतल है, लौंग है और फूंक मारना।  

 
बोतल वाले बाबा का असली नाम हरिओम महाराज है। ये पानी की बोतल से इलाज करता है इसलिए लोग बोतल वाले बाबा के नाम से इसे पुकारते हैं। इसका आश्रम कानपुर देहात के भोगनीपुर क्षेत्र के पुरवा गांव में है जिसे वहां के लोग शक्तिपीठ कहते हैं।

ऐसे फंसते हैं बाबाओं के चक्कर में

बाबा के दरबार में भक्तों की अच्छी खासी तादाद जुटती है जिसमें ज्यादातर गरीब लोग ही शामिल होते हैं। बोतल वाले बाबा का दरबार कानपुर के पुरवा गांव वाले आश्रम में हफ्ते में दो बार लगता है। मंगलवार और शनिवार को दरबार सजता है जिसका प्रचार प्रसार बाबा के सेवादार और उनके अनुयायी सोशल मीडिया के जरिए करते हैं। बाबा के दरबार में भक्तों की भीड़ भी आती है जिसमें आसपास के गांव और कानपुर के आसपास के जिलों के लोग शामिल होते हैं। इसमें ज्यादातर वैसे लोग शामिल होते हैं जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते हैं और वो अस्पताल जाने की जगह बाबाओं के चक्कर में फंस जाते हैं।

दरअसल, आस्था के नाम पर बाबा का असली काम व्यापार करना होता है। कोई भोली भाली पब्लिक से चंदा के नाम पर उगाही करता है तो कई लॉकेट और प्रसाद बेचकर पैसा कमाता है। ये बाबा पानी की बोतल बेचकर, भक्तों को लौंग बेचकर और तेल की बोतल बेचकर पैसे कमाता है। ऐसे बाबाओं के पास जब भीड़ आती है तो उसे कंट्रोल करने के लिए ना तो कोई सिस्टम होता है और ना ही इतने सेवादार होते हैं कि भीड़ को कंट्रोल किया जा सके। ऐसे में हाथरस जैसी घटना को न्योता देने के समान होता है।

बरेली वाले बाबा महंत ओमेंद्र चौहान

कानपुर से करीब 260 कीलोमीटर दूर बरेली में भी एक ऐसे ही बाबा हैं जो सेम वैसा ही दावा करते हैं जैसा बाबा नारायण साकार हरि करता है। इस बाबा के दर पर मेरठ, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, फरीदाबाद से लेकर हरियाणा तक के भक्त पहुंचते हैं। बाबा के धाम में भक्त हाज़िरी लगाते हैं, उनपर चमत्कारी पानी का छिड़काव करता है। बरेली वाले बाबा के पास ऐसे ऐसे लोग आते हैं जो कैंसर और ब्रेन की गंभीर बीमारीयों से जूझ रहे हैं। बाबा ने अपने भक्तों के बीच ऐसा मायाजाल बुन रखा है कि उन्हें लगता है कि जो बीमारी बड़े बड़े डॉक्टर और बड़े बड़े हॉस्पिटल में ठीक नहीं  हो सकती वो बाबा के चमत्कार से ठीक हो सकती है।

इस बाबा का नाम है ओमेंद्र चौहान। ये बरेली के आंवला के मनौना धाम में पाए जाते हैं। बाबा अपने धाम के जल से बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक करने का दावा करते हैं। सूरजपाल की तरह इनके यहां भी हैंडपंप लगे हैं। भक्त मानते हैं कि बाबा के कुंड के पानी में भी शक्तियां हैं जिससे कैंसर जैसे गंभीर रोग भी ठीक हो जाते हैं। अब आप जरा सोचिए ये विश्वास है कि अंधविश्वास। ऐसे ही चक्करों में फंसकर लोग अपनी ज़िंदगियां बर्बाद कर रहे हैं। 2 जुलाई को हमने ये हाथरस में देखा भी लेकिन मनौनी वाले ओमेंद्र चौहान इसे बिल्कुल भी अंधविश्वास नहीं मानते हैं।

NCR की कंपनी में नौकरी करता था महंत ओमेंद्र चौहान

महंत ओमेंद्र चौहान कुछ साल पहले तक दिल्ली-एनसीआर की एक कंपनी में नौकरी किया करते थे लेकिन करीब 4 साल पहले वह यहां महंत बन गए और फिर यहां लोगो की भीड़ बढ़ती चली गई। मंदिर के महंत और उनके भक्त यहां तक दावा करते हैं कि धाम के कुंड के पानी में भी चमत्कार है। बाबा  मंदिर के जल कुंड के जल को छिड़कने से एक मृत लड़की भी जिंदा हो गई।

नारायण साकार हरि के भक्त भी कुछ ऐसा ही दावा करते हैं। सूरजपाल मरे हुए को ज़िंदा कर सकते हैं जो कि सरासर पाखंड है। साकार हरि की तरह ओमेंद्र चौहान ख़ुद भी ये दावा कर रहा है कि उसका चमत्कारी पानी पीने से मरी हुई बच्ची ज़िंदा हो गई हालांकि नारायण साकार हरि और ओमेंद्र चौहान के बीच एक महीन सा फर्क है। साकार हरि खुद को भगवान कहता है और कहता है कि उसके पास मरे हुए को ज़िंदा करने की शक्तियां है। वहीं, ओमेंद्र चौहान कहता है कि वो कुछ नहीं करता, सब भगवान करते हैं।

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