यूपी के झांसी में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में जब लड़की का दूल्हा नहीं पहुंचा तो विभाग ने लड़की के शादीशुदा जीजा को दूल्हा बनाकर बैठा दिया। उसके साथ फेरे करा दिए और रस्म अदायगी कर दी। लेकिन जब इसकी पोल खुली तो आनन-फानन में दुल्हन ने अपनी मांग में भरा सिंदूर पोंछ डाला। बता दें कि जिस जीजा के साथ दुल्हन ने फेरे लिए हैं वह पहले से दो बच्चों का पिता है।
जानिए क्या है पूरा मामला
झांसी के राजकीय पॉलिटेक्निक मैदान में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें 132 जोड़ों का विवाह धूमधाम से कराया गया। विवाह समारोह में जिले से दूर-दूर से वर और वधु पहुंचे थे। सभी का विवाह रीति रिवाज के अनुसार कराया गया। जब विवाह की रस्में अदा हो रही थी तब एक जोड़ा लोगों को संदिग्ध नजर आया। विवाह की सारी रस्में अदा होने के बाद लड़का और लड़की से जब अलग-अलग पूछा गया तो हकीकत सामने आने पर सभी लोग चौंक गए।
दुल्हन ने क्या कहा?
झांसी के बामौर निवासी खुशी की शादी मध्य प्रदेश के छतरपुर के रहने वाले बृजभान के साथ तय हुई थी और उनका रजिस्ट्रेशन नंबर 36 था। लेकिन किन्हीं कारणों से यवक नहीं पहुंचा तब लड़की के शादीशुदा जीजा को लड़की के साथ बैठा दिया गया और शादी की रस्मे अदा करा दी गई। वहीं, जब दूल्हे बने व्यक्ति से बात की गई तो उसने बताया कि उसका नाम दिनेश है। वह बामौर का रहने वाला है और रिश्ते में लड़की का जीजा है। उसने बताया कि दूल्हा ना आने के कारण वह साली के साथ खड़ा हो गया था।
दुल्हन बनी खुशी ने बताया, ''मेरी जिससे शादी होनी थी वह बारिश होने की वजह से नहीं आया है और शादी की रस्में मैंने अपने जीजा के साथ अदा की हैं।''
विवाह योजना में मिलने वाले सामान के लालच में तो नहीं की शादी?
समारोह में मौजूद लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि विवाह योजना के तहत मिलने वाले सामान के लालच में यह काम किया गया है। इस पूरे मामले में जब जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव से पूछा गया कि एक लड़की की शादी उसके जीजा के साथ कर दी गई है तो उन्होंने कहा ऐसा पॉसिबल नहीं है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं अगर ऐसा होता है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
(रिपोर्ट- आकाश राठौड)
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