झांसी: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने के घटना की जांच के लिए सरकार ने चार सदस्यों की कमेटी गठित की है। चार सदस्यों की यह कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। समिति को आग के कारण की पहचान करने और यह निर्धारित करने का काम सौंपा गया है कि क्या इसमें कोई लापरवाही शामिल थी। यह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें भी प्रदान करेगा। शासन की ओर से सात दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।
ये अधिकारी करेंगे अग्निकांड की जांच
सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, निदेशक (स्वास्थ्य) चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें, अपर निदेशक, विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें, . महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी इस घटना की जांच करेगे। इस कमेटी की अध्यक्षता महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण करेंगे। बाकी अन्य सदस्य के तौर पर काम करेंगे। इस कमेटी को जांच करके सात दिन में रिपोर्ट सरकार को सौंपने का आदेश दिया गया है।
आग लगने की त्रिस्तरीय जांच के आदेश
वहीं, इस घटना की त्रिस्तरीय जांच शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। झांसी मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है और अग्निशमन विभाग भी इस पर गौर करेगा। इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
आग से 10 बच्चों की मौत, 16 घायल
बता दें कि झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई। इस हादसे में घायल हुए 16 अन्य बच्चे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे आग लग गई, जो संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। झांसी में शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सात बच्चों का पोस्टमार्टम हुआ। तीन बच्चों के माता-पिता की पहचान न होने पर उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।
सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
झांसी में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।