Wednesday, December 18, 2024
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'कई बच्चों की जान बचा ली पर अपनी ही दो बेटियों को नहीं बचा पाया,' झांसी आग हादसे पर बोला बेबस पिता

उत्तर प्रदेश के झांसी जिला अस्पताल में आग लगने से 10 बच्चों की जान चली गई। 16 अन्य बच्चे गंभीर रुप से झुलस गए। इन बच्चों का इलाज चल रहा है। इस हादसे के बाद से अस्पताल परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Nov 16, 2024 19:14 IST, Updated : Nov 16, 2024 19:22 IST
आग में जलकर खाक हुआ NICU
Image Source : PTI आग में जलकर खाक हुआ NICU

उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित मेडिकल के बच्चों के वार्ड के बाहर याकूम मंसूरी शुक्रवार रात फुटपाथ पर सो रहे थे, तभी नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में आग लग गई। वे खिड़की तोड़कर अंदर घुसे और कुछ नवजात शिशुओं को बचाने में सफल रहे, लेकिन अपनी दो बेटियों को नहीं बचा पाए। अधिकारियों ने उन्हें पहचान के लिए कुछ शिशुओं के जले हुए शव दिखाए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 

10 नवजात शिशुओं की गई जान

अपनी बेटियों को खोजने के लिए बेताब पिता ने कहा, 'मैं उन्हें पहचान नहीं पाया।' नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में लगी आग, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की जान चली गई। इनमें से कई समय से पहले पैदा हुए थे। 

चारों ओर गम का माहौल 

अस्पताल में लगी आग को बुझा दिया गया है, लेकिन चारों ओर गम का माहौल है। माता-पिता, जिनमें ज्यादातर युवा माताएं थीं। उनके परिवार के सदस्य बच्चों के वार्ड के बाहर एकत्र हुए, एक-दूसरे से लिपट कर अपने सबसे बुरे समय में ताकत पा रहे थे। 

11 दिन पहले बच्चे को दिया था जन्म

महिलाओं के चेहरे घूंघट के पीछे छिपे हुए थे, लेकिन उनकी चीखों में उनका दुख साफ झलक रहा था। संतोषी जिसने महज 11 दिन पहले बच्चे को जन्म दिया था। अपने चेहरे को हथेलियों से ढक कर जमीन पर बैठी रो रही थी। उसने दुख से कांपती आवाज़ में कहा, 'मैंने शोर सुना और दौड़कर आई। लेकिन मैं अपने बच्चे को कैसे बचा सकती थी । कोई जानकारी नहीं थी, किसी ने हमें नहीं बताया कि क्या हो रहा है।' 

झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग

Image Source : PTI
झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

बता दें कि शुक्रवार रात करीब 10. 45 बजे संभवतः बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। बचाव अभियान के दौरान कई चिंतित माता-पिता और उनके परिवार के सदस्य चुपचाप बैठे रहे, जो इस त्रासदी के पैमाने को समझने के लिए संघर्ष कर रहे थे। आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। 

पहले बच्चे को आग में खोया

दुखी माता-पिता में संजना भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने पहले बच्चे को समय से पहले जन्म दिया था। रोती हुई मां ने बताया, 'मेरा बच्चा सात महीने बाद पैदा हुआ और उसे यहां भर्ती कराया गया। जब आग लगी, तो कोई भी उसे नहीं बचा सका। उसकी मौत हो गई।' 

एक महीने से NICU में था भर्ती

पास में ही सोनू खड़ा था, उसके चेहरे पर दुख का भाव था। उसने अपने सात महीने के बेटे को आग में खो दिया। उसने दर्द से भरी आवाज़ में कहा, 'मेरा बेटा एक महीने से ज़्यादा समय से एनआईसीयू में भर्ती था। जब आग लगी, तो हमें अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कई बच्चों को बचाया, लेकिन 10 जल गए। उनमें से एक मेरा बेटा भी था ।"  

आग के बाद जलीं मशीनें

Image Source : PTI
आग के बाद जलीं मशीनें

दवा खरीदने के लिए कर्ज लिया

सोनू के भाई परशुराम ने कहा, 'हमने अपना सब कुछ बेच दिया और दवा खरीदने के लिए कर्ज लिया ताकि उसे ज़रूरी इलाज मिल सके। इन सबके बावजूद हम अपने बच्चे को नहीं बचा पाए।' 

सरकार ने पीड़ितों को दी वित्तीय सहायता

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के माता-पिता को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घटना की तीन-स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की। 

भाषा इनपुट के साथ

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