यूपी के जालौन जिले की सत्र न्यायालय ने एक युवक को पत्नी की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। युवक ने पत्नी की हत्या कर उसके शव को घर में दफनाकर उस पर पक्का फर्श बना दिया था और ससुरालवालों को अंधेरे में रखा था। लेकिन मजिस्ट्रेट जांच के दौरान महिला की हत्या का खुलासा हुआ था। बुधवार को इस मामले में न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने महिला की हत्या के मामले में युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मामले में कोर्ट ने 1 लाख 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, उरई शहर कोतवाली के ग्राम सरसौखी निवासी उर्मिला पत्नी कलीचरण ने अपनी बेटी विनीता की शादी साल 2011 में शहर के मुहल्ला नया रामनगर निवासी प्रमोद कुमार पुत्र खेमराज के साथ की थी। प्रमोद कुमार दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता था। 2018 के पहले विनीता की उसकी मां उर्मिला से बराबर बात होती रही, लेकिन बाद में बेटी से बात बंद हो जाने पर उसने अपने दामाद प्रमोद से बेटी से बात करवाने को कहा। जिस पर प्रमोद पत्नी से बात कराने में आनाकानी करने लगा।
खुदाई में कंकाल के साथ मिली साड़ी
बेटी का पता न लगने पर उर्मिला को कुछ शक हुआ और इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई। पुलिस ने प्रमोद को दिल्ली से उरई बुलाकर उससे सख्ती से पूछताछ की तो प्रमोद ने अपना जुर्म काबुल कर लिया। प्रमोद ने पुलिस को बताया कि उसने विनीता की हत्या कर शव को घर के अंदर वाले कमरे में गड्ढा खोदकर जमीन में गाढ़ दिया है। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर कमरे में खुदाई की गई। पुलिस को खुदाई में कंकाल के अलावा एक साड़ी मिली। उर्मिला ने साड़ी की पहचान पुत्री विनीता की साड़ी के रूप में की। जिस पर पुलिस ने मृतका की मां उर्मिला की तहरीर पर पुलिस ने 4 जनवरी 2020 को प्रमोद के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया था।
4 साल की सुनवाई के बाद हुई सजा
मुकदमे के 2 महीने बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। जिला जज कोर्ट में करीब चार साल चली सुनवाई के दौरान 7 लोगों की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर जिला जज लल्लू सिंह ने बुधवार को प्रमोद कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने प्रमोद को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
मृतका की मां कर रही 3 बेटियों की परवरिश
इस मामले में सजा सुनाई जाने के बाद मृतका विनीता की मां उर्मिला ने कहा कि उन्हें 3 साल बाद इंसाफ मिला है। विनीता के वर्तमान में तीन बेटियां 9 वर्षीय कनिका, 7 वर्षीय गुंजन और 5 वर्षीय परी हैं जिनकी परवरिश भी उर्मिला द्वारा की जा रही है।
(रिपोर्ट- वरुण द्विवेदी)
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