यूपी ATS ने एक शख्स को मेरठ से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि सतेंद्र सिवाल नाम का शख्स पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा था। सत्येंद्र रूस में भारतीय दूतावास में काम कर रहा है। एटीएस ने अपनी विज्ञप्ति में बताया कि संदिग्ध सतेंद्र सिवाल साल 2021 से रूस के भारतीय दूतावास (IBSA) के पद पर कार्यरत है। इस शख्स के पास से एटीएस ने 2 मोबाइल फोन, 1 आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान पत्र और 600 रुपये नकद बरामद किए हैं।
छद्म नाम के व्यक्तियों को भेजता था खुफिया जानकारी
उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपनी एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि एटीएस को विभिन्न गोपनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI के हैंडलरों द्वारा कुछ छद्म नाम के व्यक्तियों से विदेश मंत्रालय भारत सरकार के कर्माचारियों को बहला फुसलाकर और धन का लालच देकर भारतीय सेना से संबंधित भारत की सामरिक व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण, गोपनीय सूचनां प्राप्त की जा रही हैं, जिससे भारत की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न होने की संभावना है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस ने सिवाल से पूछताछ की तो शुरू में उसने असंतोषजनक जवाब दिए। हालांकि, बाद में उसने जासूसी करने की बात कबूल कर ली और उसे मेरठ में गिरफ्तार कर लिया गया।
आर्मी के हर दिन के कामकाज की देता था सूचना
एटीएस की पूछताछ के दौरान, सतेंद्र सिवाल ने खुलासा किया कि वह भारतीय सेना और उसके दिन-प्रतिदिन के कामकाज के बारे में जानकारी निकालने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को पैसे का लालच देता था। उस पर भारतीय दूतावास, रक्षा मंत्रालय और विदेश मामलों के बारे में महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी आईएसआई हैंडलर्स को देने का भी आरोप लगाया गया है। एटीएस के मुताबिक, आरोपी सतेंद्र सिवाल हापुड़ देहात के शाहमहीउद्दीनपुर गांव का रहने वाला है। ये विदेश मंत्रालय भारत सरकार में MTS (Multi Tasking Staff) के पद पर नियुक्त है और वर्तमान में मॉस्को, रूस स्थित भारतीय दूतावास में कार्यरत है।
ये भी पढ़ें-
- OBC आरक्षण के लिए छगन भुजबल ने 16 नवंबर को ही दे दिया था इस्तीफा, बोले- सीएम और डिप्टी सीएम के कारण चुप रहा
- "रामलला के आने से देश का 'स्व' लौट कर आया है, अब भारत जागेगा," बेंगलुरु में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत