गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 47 लाख रुपए ठगे गए हैं। ये ठगी NCB और CBI के नाम पर की गई है।
क्या है पूरा मामला?
गाजियाबाद में एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 47 लाख रुपए ठग लिए गए हैं। उनके नाम का ड्रग्स से भरा एक कोरियर पैकेट आने, जेल भेजने का डर दिखाकर ये ठगी हुई। ठगों ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और CBI अधिकारी बनकर बातचीत की। महिला की शिकायत पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के नीतिखंड इलाके का है। यहां रहने वाली सौम्या जिंदल की और से दर्ज कराई गई FIR के अनुसार उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वो फेडेक्स कोरियर कंपनी से बोल रहा है और उसको सौम्या के नाम पर अमेरिकी डॉलर व ड्रग्स का एक पार्सल मिला है जो उसने साइबर सेल व NCB मुंबई को ट्रांसफर कर दिया है।
कॉलर ने ये भी कहा कि अब सौम्या को ये पैकेट पाने के लिए मंजूरी लेने की जरूरत होगी। इसके बाद दूसरी तरफ से सत्यापन के लिए स्काइप एप डाउनलोड करने को कहा। फिर स्काइप पर कुछ आईडी भेजी गईं। यहां से सौम्या और ठगों के बीच वीडियो कॉल शुरू हुई।
ठगों ने सौम्या से कहा कि उनका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग के छह खातों संग अटैच मिला है। इसलिए बैंक खाते के सत्यापन की जरूरत है। ठगों ने सौम्या को लगातार कैमरे पर मौजूद रहने और लैपटॉप की स्क्रीन शेयर करने को कहा। उन्होंने सौम्या से बैंक खाते की डिटेल्स मांगी और एक साल का स्टेटमेंट डाउनलोड करके प्रत्येक एंट्री को सत्यापित करने के लिए कहा।
गिरफ्तार कर लेने की धमकी भी दी
इसके बाद ठगों ने सौम्या से बैंक की यूजर आईडी व पासवर्ड देने को कहा और ऐसा न करने पर गिरफ्तार कर लेने की धमकी दी। सौम्या का कहना है कि यूजर आईडी, पासवर्ड देने के कुछ मिनट बाद ही उनके खाते से 47 लाख रुपए ऑनलाइन कट गए।
ठगों ने ये भी कहा कि ये रकम सिर्फ ऑनलाइन सत्यापन के लिए ली गई है। पीड़िता के मुताबिक, उन्होंने OTP शेयर नहीं किया था, लेकिन स्क्रीन शेयरिंग की वजह से ठगों ने उसको स्क्रीन पर देख लिया। पीड़िता के मुताबिक, ठगों ने उनको इस तरह डरा दिया कि वे लैपटॉप स्क्रीन से हट नहीं पाईं और सारी बैंकिंग डिटेल्स देती रहीं।
इस ठगी के बाद सौम्या ने तुरंत बैंक में संपर्क किया। बैंक ने तत्काल खाता फ्रीज कर दिया। सौम्या के खाते में 17 लाख रुपए रह गए, जबकि 30 लाख रुपए फ्रॉड करने वाले दूसरे खातों में ट्रांसफर कर चुके थे।
गाजियाबाद की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर के खिलाफ IPC की धारा 170, 384, 420, 506 और IT एक्ट की धारा-66D में मुकदमा दर्ज कर लिया है। (इनपुट: जुबैर अख्तर)