हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, चुनाव परिणाम के बाद भाजपा एक्टिव हो गई है और लगातार बैठर व जनसंपर्क बढ़ा रही है। इसी क्रम में बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में सरकार, संगठन और संघ तीनों के ही नेता मौजूद हुए हैं। आइए जानते हैं इस बैठक के अहम मुद्दों के बारे में।
क्या है बैठक का एजेंडा?
जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी के आवास पर कामकाज और समन्वय को लेकर बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक में उत्तर प्रदेश के विकास और चुनाव की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई है। संघ के बड़े पदाधिकारी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, दोनों डिप्टी सीएम समेत बड़े पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे।
उपचुनाव की तैयारी पर भी चर्चा
सीएम योगी के आवास पर हो रही बैठक में उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव की तैयारी, निगम बोर्ड आयोग में भाजपा कार्यकर्ताओं को मौका देना, सदस्यता अभियान, आगामी कार्यक्रम और सरकार व संगठन को साथ में काम करने को लेकर समन्वय के मुद्दे पर चर्चा हुई है।
बैठक में क्या-क्या हुआ?
सीएम योगी के आवास पर संघ सरकार और संगठन की करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक समार्त हो गई है। बैठक में निगम आयोग और बोर्ड में भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को समायोजित करने पर चर्चा हुई है। उपचुनाव में कैसे बेहतर प्रदर्शन करना है, कौन कैंडिडेट बेहतर हो सकता है, भाजपा के सदस्यता अभियान को कैसे गति देनी है जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है। बैठक में बीजेपी के आगामी कार्यक्रमों को लेकर और संगठन और सरकार के बीच तमाम मुद्दों पर समन्वय बनाकर कार्य करने को लेकर भी चर्चा की गई है।
पहले यूपी में लगभग हर एक दो महीने में आरएसएस, संगठन और सरकार के बीच समन्वय बैठक होती थी जिनमें लंबे समय से काफी कमी आ गई है। इन बैठकों में काफी हद तक जमीनी हकीकत का पता चलता था और जो कमियां होती थीं सरकार उन्हें दूर करने की कोशिश करती थी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की एक बड़ी वजह संघ, संगठन और योगी सरकार में समन्वय की कमी रही। सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में तय हुआ कि एक बार फिर से ऐसी बैठकों का दौर शुरू होगा। जनता में बीजेपी और योगी सरकार की छवि बेहतर करने के लिए संघ भी जुटेगा। बीजेपी का सदस्यता अभियान हो या पार्टी का कोई और कार्यक्रम सबमें संघ को भी शामिल किया जाएगा, जैसा पहले होता था।
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