
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 8 साल पूरे हो गए हैं। 18 वर्ष की उम्र में गोरक्षापीठ के महंत बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम रखा और वे लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली थी। दूसरी बार 25 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
2017 में सीएम बनने का सफर
दरअसल, 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम था। चुनाव के परिणाम जिस दिन आने वाले थे उसी के आस-पास योगी आदित्यनाथ को विदेश दौरे पर जाना था। आखिरी समय में प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें पासपोर्ट लौटा दिया गया और यह कहा गया कि चुनाव नतीजे के समय उनका दिल्ली में रहना जरूरी है। इससे यह तय हो गया था कि उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है।
योगी आदित्यनाथ ने 2017 के चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री की रेस में उनका नाम कहीं नहीं था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली। इसके बाद मुख्यमंत्री का चयन पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। पार्टी के भीतर कई बड़े नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में थे, जैसे कि तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और मनोज सिन्हा, जो प्रधानमंत्री मोदी के करीबी नेताओं में से थे।
गोरखपुर से दिल्ली बुलाया गया
इन सभी नामों के बीच अचानक 17 मार्च 2017 को दिल्ली में बीजेपी आलाकमान एक्टिव हो गया। योगी आदित्यनाथ, जो उस समय गोरखपुर में थे, को दिल्ली बुलाया गया। उनके लिए चार्टर्ड प्लेन भेजा गया और दिल्ली में पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए कहा।
योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री बनने का फैसला एकदम अप्रत्याशित था, क्योंकि राजनीतिक विश्लेषक भी उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं देख रहे थे। वहीं, यूपी में हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके योगी आदित्यनाथ को भी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद कहीं से भी नहीं थी।
गोरखपुर से लगातार 5 बार के सांसद
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में कई बदलाव हुए। 2022 में जब विधानसभा चुनाव हुए, तो बीजेपी ने फिर से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। इस बार भी योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया गया, जहां से वह भारी मतों से विजयी हुए। यह जीत ना सिर्फ उनके नेतृत्व की ताकत को दिखाई, बल्कि यह भी साबित किया कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। योगी आदित्यनाथ की राजनीति में एंट्री 1998 में हुई थी, जब उन्होंने गोरखपुर से पहली बार सांसद का चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने गोरखपुर से लगातार पांच बार जीत दर्ज की। वहीं, योगी आदित्यनाथ यूपी में अब तक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का भी रिकॉर्ड बना लिया है।
ये भी पढ़ें-
डेढ़ करोड़ रुपये और 20 तोला सोना की लूट, बुर्का में चोर था महिला का जीजा- देखें VIDEO