Friday, March 28, 2025
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वाराणसी के 50 मुस्लिम मुहल्लों के नाम बदलने की उठी मांग, हिंदू संगठनों ने महापौर और डीएम को लिखा पत्र

अजय शर्मा ने खालिसपूरा, गोलचबूतरा सहित अलग-अलग क्षेत्र के 50 जगह का नाम बदलने की मांग उठाई है और उसको लेकर क्षेत्रीय सभासद को प्रस्ताव भेज दिया है।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Mar 27, 2025 18:01 IST, Updated : Mar 27, 2025 18:50 IST
बनारस के 50 मुस्लिम मुहल्लों के नाम बदलने की उठी मांग
Image Source : INDIA TV बनारस के 50 मुस्लिम मुहल्लों के नाम बदलने की उठी मांग

 वाराणसीः वाराणसी में औरंगाबाद और खालिसपुरा सहित 50 उन मुहल्लों के नाम बदलने की मांग की गई है जिनके नाम मुस्लिम नाम पर हैं। मुहल्ले के नाम बदलने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों और कुछ स्थानीय लोगों ने नगर निगम, महापौर और जिलाधिकारी को पत्र भी सौंपा है। इसके बाद 50 मुस्लिम मुहल्लों के नाम बदलने की मांग चर्चा का विषय बन गई है। नाम बदलने की मांग करने वाले दो हिंदू संगठनों का कहना है कि ये नाम मुस्लिम आक्रांताओं का महिमा मंडन करता है। वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता इसकी आलोचना कर रहे हैं।

मुस्लिम नामों के मुहल्ले के नाम सनातन और तीर्थ के नाम पर किये जाने की मांग 

जानकारी के अनुसार, वाराणसी शहर के अंदर इन दिनों मुस्लिम नामों के मुहल्ले के नाम सनातन और तीर्थ के नाम पर किये जाने की मांग हिन्दू संगठनों के द्वारा तेजी से उठाया जा रहा है। इस इसमें एक नाम मुस्लिम शासक औरंगजेब के नाम पर पड़े औरंगाबाद का है इसकी मांग उठाने वाले विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्तोष सिंह ने वाराणसी के महापौर से मुलाकात करते हुए उन्हें पत्र सौंपा।

सन्तोष सिंह ने कहा कि वाराणसी के औरंगाबाद मुहल्ले का नाम औरंगजेब के नाम पर है जो गुलामी को दर्शाता है। नाम बदलने को लेकर मैंने महापौर, नगर आयुक्त को पत्र देकर इसका नाम बदलकर सनातनी नाम लक्ष्मी नगर, नारायणी नगर या पूर्व नाम शिवा जी नगर करने की मांग की है। 

खलिसपुरा, मदनपुरा सहित 50 मुहल्लों के नाम बदलने की मांग

वहीं दूसरी ओर सनातन रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय शर्मा ने शहर के खलिसपुरा, मदनपुरा सहित 50 मुहल्लों के नाम बदलने को लेकर डीएम वाराणसी, नगर आयुक्त वाराणसी और महापौर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि यह स्थल काशी के अविमुक्त क्षेत्र में आते हैं और इनका पौराणिक नाम ही आधार है, अन्य नाम आधारहीन हैं, जो नाम अभी है उसे अस्तित्व को मुगल शासकों ने तीर्थ को पाट कर उसपर मजार बनाकर नाम बदल दिया था।

स्थानीय मुस्लिम और हिन्दू स्थानीय निवासी भी नाम बदलने पर कोई गुरेज नहीं करते। स्थानीय पार्षद विजय द्विवेदी ने भी महापौर को सम्बोधित करते हुए पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस क्षेत्र का जो भी पौराणिक महत्व के आधार पर ही नाम को स्वीकार करने की मांग की है।  

कांग्रेस और सपा ने साधा निशाना

इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता वैभव त्रिपाठी ने कहा कि यह शहर में बदहाल सूरत बदलने के लिए जनता ने पीएम मोदी को सांसद, विधायक बीजेपी का और नगर निगम में अधिक संख्या में भाजपा को विजय दिलाई लेकिन यह सरकार मुस्लिम नाम बदल कर इसे हिन्दू मुस्लिम का रंग देना चाहती है।

वही स्थानीय निवासी शैलेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि नाम बदल दे लेकिन उसके बाद आने वाली समस्या का समाधान कौन करेगा। हमारे बैंक में दिया पता, आधार कार्ड का पता, वोटर कार्ड का पता बदलने में जो समस्या होगी उसे कौन सुलझाएगा।

इस मामले को लेकर नगर निगम में होगी चर्चा

 मुहल्लों के नाम बदलने को लेकर बीजेपी के पार्षद और उपसभापति नरसिंह दास ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मुहल्लों के नाम बदलने को लेकर हिन्दू संगठन ने औरंगाबाद मुहल्ले के नाम बदलने की मांग को लेकर महापौर और नगर आयुक्त को पत्र दिया है। इस पर अभी कोई प्रस्ताव नही हुआ है। इस पत्र को लेकर अभी बैठक में चर्चा होगी। सभी नगर आयुक्त ने सिर्फ बोर्ड के सामने रखा है जो एक संस्था की ओर से नगर आयुक्त को दिया गया था।

रिपोर्ट- अश्वनी त्रिपाठी, वाराणसी

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