यूपी के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। जानकारी के मुताबिक, इस भगदड़ को शुरू करने में स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सेवादारों को भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। खबर है कि सेवादारों ने ही भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां चलाई जिससे भगदड़ मची।
इस बीच उस जगह का वीडियो सामने आया है, जहां कल सत्संग हो रहा था। यहां एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है। घटनास्थल पर लोगों के चप्पल, उनका सामान और शादी के कार्ड बिखरे पड़े हैं।
शादी का कार्ड देने गई थी अलीगढ़ की बीनू देवी
अलीगढ़ के मडराक थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर गांव की रहने वाली बीनू देवी कल हाथरस में सत्संग में शामिल होने गई थी। बीनू देवी अपनी बेटी अंजलि की शादी का कार्ड बाबा साकार हरि को देने के लिए अपने साथ लेकर गई थी। वहां पर बाबा से तो उनकी भेंट नही हो सकी लेकिन बाबा के सेवादारों को उन्होंने वह कार्ड दे दिया। उनको उम्मीद थी कि सेवादार वह कार्ड बाबा तक पहुंचा देंगे। कल बीनू की बेटी अंजलि की शादी का कार्ड घटनास्थल पर पड़ा हुआ मिला था। बीनू देवी घटना होने से पहले ही वहां से निकल आई थी। वह पिछले 5 साल से बाबा के समागम में जाती रही है।
12 जुलाई को है बेटी की शादी
दरअसल, मुकंदरपुर गांव की रहने वाली बीनू देवी और पदम सिंह की बेटी अंजलि की 12 जुलाई को शादी होनी है। हिंदुओं में प्रथा है कि वह शादी का कार्ड मंदिर में भी देते हैं। ऐसे ही बीनू देवी कल शादी का कार्ड साकार हरि बाबा को देने के लिए गई थी। वह जब वहां पहुंची तो बाबा से उनकी भेंट नहीं हो सकी और उन्होंने कार्ड सेवादारों को दे दिया ताकि वह कार्ड बाबा तक पहुंच सके। हालांकि वह मानती है कि बाबा इस तरह के कार्यक्रम में नहीं जाते। वह कार्यक्रम खत्म होने के बाद अलीगढ़ चली के लिए निकल गई। घटना उनके वहां से निकलने के बाद हुई। वह बाबा को बहुत मानती हैं और पिछले 5 सालों से बाबा की अनुयायी हैं।
(रिपोर्ट- प्रदीप)
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