यूपी के हरदोई में कुल 141 मदरसे हैं, जहां पिछले साल तक तकरीबन 26 हजार बच्चे तालीम हासिल कर रहे थे। लेकिन यूपी सरकार के एक नियम के बाद देखते ही देखते मदरसों से बच्चे गायब होने लगे। हरदोई से आए आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। दरअसल, हरदोई के मदरसों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन मदरसों से 10,000 विद्यार्थियों के नाम एक झटके में गुम हो गए। कई मदरसों में तो 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों का ब्यौरा नहीं मिला है। मदरसों का ये फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब आधार सत्यापन अनिनवार्य कर दिया गया।
छात्रों को आधार से लिंक करने पर खुला घोटाला
दरअसल, हरदोई जनपद में 141 मदरसे संचालित हैं। पिछले शिक्षा सत्र में 25,944 बच्चे अध्ययन कर रहे थे। शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि सभी विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा जाए। इसके पीछे कई वजह थीं कि जो छात्रवृत्ति थी वह ऑनलाइन छात्रों तक पहुंच सके और फर्जीवाड़ा न हो सके। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार छात्र मदरसों या किसी प्राइवेट संस्थान में पढ़ते हैं या फिर इनका कोई अस्तित्व नहीं होता है। जब इन छात्रों को आधार से लिंक किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं।
आंकड़े की मदद से समझें घोटाला कितना बड़ा-
- यू डाइस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विगत शैक्षणिक सत्र में जनपद में संचालित 141 मदरसों में 25944 विद्यार्थी थे।
- जब आधार अनिवार्य हुआ तब यही संख्या घटकर 16,000 के आस-पास हो गई।
- मतलब यह कि 10000 के आसपास छात्रों का कोई अता पता नहीं है। यही वजह है कि इन छात्रों को आधार से नहीं जोड़ा जा सका।
- विद्यार्थियों का ब्यौरा जब आधार से जोड़ा गया तो 10,000 के आसपास छात्र मिले ही नहीं।
- अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार पढ़ रहे बच्चों को ₹300 की छात्रवृत्ति दी जाती थी।
- मतलब एक छात्र को ₹3600 सालाना की छात्रवृत्ति मिलती थी।
- आंकड़ों के मुताबिक 10,000 बच्चों में करीब यह राशि 3 करोड़ 60 लाख हुई और अब इन्हीं छात्रों का ब्यौरा नहीं मिल रहा है।
हरदोई के कुछ मदरसों के गायब छात्रों के आंकड़े-
- हरदोई के मदरसों से एक मदरसा है, मदरसा-ए -ऐरा नेकोजई जो शाहाबाद में चलता है। जहां 2022 के मुताबिक 311 बच्चें पढ़ रहे थे, लेकिन 2023 आते ये संख्या कुल 22 बच्चों की रह गई। यानि 289 बच्चे गायब हो गए।
- हरदोई के ही बंदरहिया मदरसा जामियां अनवारूल उलूम में पिछले साल 248 बच्चे पढ़ रहे थे, लेकिन यहां भी 2023 आते-आते 30 बच्चे ही रहे गए, यानि 218 बच्चे गायब हो गए।
- टड़ियावां के मदरसे की कहानी भी इसी तरह की है। यहां पर 2022 में 347 छात्र तालीम हासिल कर रहे थे। इस साल मदरसे के रिकॉर्ड के मुताबिक केवल 111 छात्र ही पहुंच रहे हैं। यानि कि मदरसे से 236 छात्र गायब हैं।
- एक और मदरसा बशरातुल कुरान के रिकॉर्ड से 262 छात्र गायब हैं तो माधोगंज के मदरसे के 371 छात्रों का कोई अता पता नहीं चल रहा है।
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