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ज्ञानवापी: आम भक्तों के लिए खुला व्यास जी का तहखाना, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा हुई और इसे आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। यहां पूजा के बाद बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़े।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 01, 2024 05:32 pm IST, Updated : Feb 01, 2024 06:14 pm IST
व्यासजी के तहखाने में दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV व्यासजी के तहखाने में दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

वाराणसी : वाराणसी जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाना आम भक्तों के लिए खुल गया है। पूजन अर्चन के बाद इसे आम भक्तों के लिए खोल दिया गया है। बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। वहीं परिसर में स्थित नन्दी के सामने पुलिस के मोर्चे के बगल में करीब 4 फीट का गेट लगाया गया है। गेट के अंदर की दीवार को हटाकर लोगों को दर्शन कराया जा रहा है।

वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया। इस आदेश के बाद धवार रात करीब साढ़े 10 बजे 31 साल बाद व्यास जी का तहखाना पूजा-पाठ के लिये खोला गया और उसकी साफ-सफाई करायी गई। आज यहां पर पूजा अर्चना के बाद इसे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। इस दौरान ज्ञानवापी और आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात रहा। वहीं वाराणसी कोर्ट के इस आदेश को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती भी दी है। 

बैरिकेटिंग को हटा लोहे का गेट लगाया गया

अब तहखाने के बैरिकेटिंग को हटा कर वहां लोहे का गेट लगा दिया गया है।  जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले रात करीब साढ़े नौ बजे काशी-विश्वनाथ ट्रस्ट के सदस्यों को बुलाकर नंदी महाराज के सामने लगी बैरिकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला गया। यह तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर स्थित है। 

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस तहखाने में वर्ष 1993 तक पूजा-अर्चना होती थी मगर उसी साल तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने इसे बंद करा दिया था। वकील मोहन यादव ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग-भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराने का आदेश दिया था।  कोर्ट के आदेश के मुताबिक पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को दिया गया और ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोल दिया गया है।

आदेश को 15 दिनों तक लागू न करने की अपील

वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर व्यास परिसर में पूजा अर्चना के कोर्ट के आदेश को पंद्रह दिन तक लागू न करने की अपील की गई है। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी एक अर्जी दाखिल की है। यह अर्जी तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल की गई है। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की अर्जी में पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला दिया गया है। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट से अर्जेंट बेसिस पर मामले में सुनवाई की मांग की है। अर्जी में वाराणसी जिला जज के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है।

(रिपोर्ट-अश्विनी त्रिपाठी)

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