इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को बुधवार को नोटिस जारी किया। वादी राखी सिंह ने वाराणसी की अदालत द्वारा 21 अक्टूबर 2023 को सुनाये गये उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर शिवलिंग को छोड़कर वुजूखाना का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वेक्षण कराने का निर्देश देने से मना कर दिया था। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को यह नोटिस न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत द्वारा जारी किया गया।
वजूखाने के भी सर्वे की याचिका में मांग
राखी सिंह, श्रृंगार गौरी पूजा अर्चना मुकदमे में वादकारियों में से एक है और यह मुकदमा वाराणसी की जिला अदालत में लंबित है। वाराणसी की अदालत में दाखिल अपने आवेदन में राखी सिंह की प्राथमिक दलील यह थी कि विवादित संपत्ति का धार्मिक चरित्र तय करने के लिए शिवलिंग को छोड़कर वुजूखाना का सर्वेक्षण कराना आवश्यक है। एएसआई ने जिस तरह से विवादित परिसर के बाकी हिस्सों का सर्वेक्षण किया है, उसी तरह उसे वजूखाने के भी सर्वे की याचिका में मांग की गई है। दलील दी गई है कि वजूखाने के सर्वे से 15 अगस्त 1947 को जो स्थिति थी उसका सही-सही पता चलेगा।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद सील हुआ था वजुखाना
बता दें कि शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजूखाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। याचिका के जरिए वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है। जिला जज ने पिछले साल दिए गए अपने फैसले में वजू खाने का सर्वे कराए जाने का आदेश देने से इंकार कर दिया था।
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