वाराणसी: 25 जनवरी को ASI के सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को दिए जाने के बाद जैसे ही इस बात का दावा हुआ कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मन्दिर है, राजनीतिक गलियारों से लेकर संत समाज तक अब इस मंदिर और वजूखाने में मिले आकृति को शिवलिंग मान कर उसके पूजा-पाठ और राग भोग को लेकर तमाम बातें करना शुरू कर चुकी हैं। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इसे हिन्दुओं को सौंपने की मांग की तो वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि हमें इतिहास के दायरे में कोई कैद नहीं कर सकता।
पुलिस ने किया आश्रम में कैद
इसी बीच आज पुलिस ने श्रीविद्या मठ पहुंच ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को उनके ही आश्रम में कैद कर दिया। जानकारी दे दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ऐलान किया कि वह ज्ञानवापी को मन्दिर मानकर परिक्रमा करेंगे। इसके बाद जैसे ही वह अपने आश्रम से काशी विश्वनाथ धाम परिसर के करीब ज्ञानवापी परिसर के बैरिकेडिंग से बाहर परिक्रमा करने निकल रहे थे, तभी यूपी पुलिस आ धमकी और उन्हें रोक दिया।
शंकराचार्य और पुलिस के बीच काफी गहमागहमी हुई
इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और पुलिस के बीच काफी गहमा-गहमी भी हुई जिस पर प्रशासन ने कहा कि धारा 144 लागू होने के कारण वह ज्ञानवापी के करीब नहीं जा सकते,आपको इसकी अनुमति लेनी होगी। वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस परिक्षेत्र में जाने की अनुमति की बात कही जा रही है वह प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर है और मैं पहले से वहां जाता रहा हूं आज नई अनुमति की बात कही जा रही है लेकिन मैं अनुमति लेकर जाऊंगा, नहीं दिए जाने पर आगे नई नीति बनाई जाएगी।
कई थानों की फोर्स ने घेरा
फिलहाल शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी जाने से पुलिस ने रोकते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मठ में ही नजरबंद कर दिया है। इसके अलावा कई थानों की फोर्स ने मठ को चारों तरफ घेर लिया है, विद्यामठ के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स अभी भी मौजूद है। वहीं, पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए उस स्थान पर न जाने की हिदायत दी है।
(रिपोर्ट- अश्विनी त्रिपाठी)
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