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Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी में वजू करने की मांगी अनुमति, 14 अप्रैल को कोर्ट में होगी सुनवाई

इस मुद्दे पर जिक्र करते हुए हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेपा अहमदी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डी। वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई अब 14 अप्रैल को की जाएगी।

Written By: Avinash Rai
Published : Apr 06, 2023 19:00 IST, Updated : Apr 06, 2023 19:00 IST
Gyanvapi Kashi Vishwanath Case Muslim side seeks permission to perform wuzu in Gyanvapi hearing will
Image Source : PTI/INDIA TV मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी में वजू करने की मांगी अनुमति

Gyanvapi-Kashi Vishwanath Case: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला एक बार फिर प्रकाश में आ गया है। रमजान के महीने में मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि मुसलमानों को रमजान के महीने में ज्ञानवापी मस्जिद परिसद के अंदर वजू करने की अनुमति दी जाए। इस मुद्दे पर जिक्र करते हुए हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेपा अहमदी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डी। वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई अब 14 अप्रैल को की जाएगी।

ज्ञानवापी में वजू करने की अनुमति?

ज्ञानवापी विवाद तब शुरू हुआ था जब हिंदू भक्तों द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने के अधिकार का दावा करते हुए सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। इस मामले पर हिंदू भक्तों का कहना था कि ज्ञानवापी हिंदू मंदिर था और अब भी है। ऐसे में यह हमारे देवताओं का घर है। इस मामले में सिविल कोर्ट द्वारा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश जारी किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद का वीडियोग्राफी और सर्वे कराकर रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी गई। ज्ञानवापी परिसर प्राप्त शिवलिंग का जिक्र भी सर्वेक्षण रिपोर्ट में किया गया है। इस मामले पर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिस चीज को शिवलिंग बताया जा रहा है वह एक पानी का फव्वारा है। 

ज्ञानवापी केस में अबतक क्या हुआ?

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 मई को ज्ञानवापी केस को जिला कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंधन कमेटी द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष इस मामले के खिलाफ एक अपील दायर की गई। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एएसआई के महानिदेश से कार्बन डेटिंग, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकीक के जरिए प्राप्त वस्तुओं पर अपनी राय प्रस्तुत करने को कहा है और पूछा है कि क्या वस्तु को नुकसान होगा।

 

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