Wednesday, January 08, 2025
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खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताने वाला गिरफ्तार, जिला प्रशासन से करता था सुरक्षा प्रोटोकॉल की मांग

गाजियाबाद पुलिस ने खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल आरोपी खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताकर अलग-अलग जिलों के प्रशासन से सुरक्षा प्रोटोकॉल की मांग करता था। इस आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Jan 02, 2025 6:34 IST, Updated : Jan 02, 2025 6:34 IST
Ghaziabad police arrested that man who claimed himself chairman of the UP Human Rights Commission
Image Source : FILE PHOTO खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताने वाला गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताता था। दरअसल आरोपी खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताकर राज्य के कई जिलों के अधिकारियों से सुरक्षा की मांग करता था। इस आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी। बता दें कि आरोपी की पहचान 25 वर्षीय अनस मलिक के रूप में हुई है, जो कि मुरादाबाद के कांठ रोड का रहने वाला है। उसने बताया कि खुद को उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताते हुए आरोपी ने 8 नवंबर को दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए मुरादाबाद, गाजियाबाद, अमरोह और नोएडा के जिलाधिकारियों को आधिकारिक पत्र भेजकर प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा की मांग की थी।

खुद को यूपी मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताने वाला गिरफ्तार

पत्रों पर संदेह होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि मलिक का आयोग से कोई लेना देना नहीं है। अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) सच्चिदानंद ने मलिक की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उसने स्थानीय अधिकारियों को गुमराह करने के लिए अपनी फर्जी बताई थी। अधिकारी ने बताया, ‘‘पूछताछ के दौरान मलिक ने खुलासा किया कि उसने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और चालक के तौर पर काम करता था।’’ बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले एक फर्जी पीएमओ के अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं कई बार फर्जी पुलिस अधिकारी और फर्जी डीएम बने लोगों की भी गिरफ्तारी की जा चुकी है।

सरकारी कागजों में जिंदा बुजुर्ग को दिखाया मृत

इससे पूर्व कन्नौत में सरकारी कागजों में मृतक ग्रामीण आठ साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। दरअसल उस शख्स को सरकारी कागजों में मृत बता दिया गया है। बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है और उसकी समस्या वैसे-वैसे ही बनी हुई है। सरकारी कागजों में उसे मृत घोषित कर दिए जाने की वजह से उसे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्या से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर तिर्वा तहसील क्षेत्र के गांव वाहिदपुर मौजा सौसरी निवासी हरनाथ पाल को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है। 

(इनपुट-भाषा)

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